लखनऊ। क्राइस्ट चर्च न्यूजीलैंड की मस्जिद नूर में बेनटन ट्रेंट प्रख्यात आतंकवाद ने जिस तरह से फायरिंग करके 4 दर्जन से अधिक नमाजियों को शहीद कर दिया उसकी निन्दा करने में हमारे देश की मीडिया ने जो दोहरा रवैय्या अपनाया है वह सबके सामने है। इसी के साथ इस मामले में सेक्युलर पार्टियों का अंदाज व तरीका भी समझ से बाहर है। जबकि गत दिनों फ्रांस के समाचार पत्र शारली एब्डो पर जो आतंकवादी हमला हुआ था तो इन सब ने इस पर जोर दार एहतिजाज किया था और इस समाचार पत्र के साथ इज्हार हमदर्दी किया था लेकिन निर्दोष, अमन पसन्द नमाजियों के इस कत्ल आम पर, जैसे सबको साॅप सूंघ गया है। इन ख्यालात का इज्हार मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली इमाम ईदगाह लखनऊ ने किया। वह आज ऑल इंडिया सुन्नी बोर्ड के एहतिजाजी जलसे को सम्बोधित कर रहे थे।
मौलाना फरंगी महली ने कठोर शब्दों में आतंकवाद की हर प्रकार की निन्दा करते हुए इस को पूरी दुनिया के लिए नासूर करार दिया। उन्होने कहा कि इसका मुकाबला करने के लिए हम को अपना अंदाज, तरीका, रवैय्या एक रखना चाहिए। यह नही कि मुजरिम अगर मुसलमान नाम वाला है तो आतंकवादी और अगर उसका नाम गैर मुस्लिम है तो वह ‘‘गन मैन’’ ‘‘शूटर’’ और ‘‘जहनी बीमार’’ है। निर्दोषों को मौत के घाट उतारने वाला आतंकवादी है और सख्त सजा का हकदार है। मौलाना फरंगी महली ने कहा कि आतंकवाद जैसी समस्या की असल जड़ इस्लामोफोबिया है। इस लिए कि पूरी दुनिया में इस्लाम बहुत तेजी से फैल रहा है। अपने पैदा की हुई समस्याओं से झूझती हुई दुनिया इस्लाम के साया रहमत में पनाह लेना चाहती है। खुदा पाक से बेजार लोग अपने हिमायतियों को अमन व सुकून उपलब्ध कराने में नाकाम साबित हो रहे हैं।
खुदा पाक के बन्दे अपनी मुसीबतों से छुटकारा प्राप्त करना चाहते हैं। दुनिया बाजीगर उनको अपने तमाशों और खेलों में लगाये हुए हैं। इनकी वजह से खुदा पाक की बनायी हुई खूबसूरत दुनिया खौफ व आतंक के माहौल मेें जी रही है। मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि न्यूजीलैंड की घटना के बाद उनकी निंदा करने, प्रभावितों से हमदर्दी का इजहार करने और उनकी सहायता करने के सिलसिले में वहां की खातून प्रधानमंत्री जैसिंडा आर्डेन का रवैया सही रहा और उन्होने एक अमन पसन्द नागरिक होने का सबूत दिया है। इस लिए कि वह मुस्लिम खातून का लिबास पहन कर प्रभावितों के घर वालों से मिलीं, उनसे ताजियत की, उनके आंसू पूछते और उनकी सहायता और सुरक्षा का वादा किया। मौलाना फरंगी महली ने कहा कि इसी तरह पूरी दुनिया में अमन पसन्दों ने बढ़ चढ़ कर इस आतंकवादी घटना की निन्दा की। फ्रांस में पेरिस की मेयर ने रात में ऐफल टावर की रौशनियाॅ बुझा दीं। आरलैण्डो, फलोरेडा अमेरिका की मस्जिद में गैर मुस्लिमों ने जाकर नमाजियों की हिम्मत बढ़ायी और उनको सुरक्षा का यकीन दिलाया। न्यूजीलैण्ड में लोगोें ने आतंकवादियों को सख्त जवाब देते हुए मुसलमानों की खुल कर सहायता की और उनकी हिफाजत का वादा किया।
मौलाना ने देश के राजनैतिक लोगों विशेषकर सेक्यूलर कायदीन, सहाफियों और बुद्धजीवियों से पुरजोर अपील की कि वह आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए दोहरा रवैय्या न अपनायें। उन्होने कहा कि इस्लामोफोबिया के खतरे से सोसाइटी और देश को बचायें। उन्होने कहा कि यह एक हकीकत है कि इस्लाम अमन व सलामती, रवादारी, भाई चारा, मुहब्बत, हमदर्दी, एकता और राष्ट्रीयता की शिक्षा व हिदायत देने वाला मजहब है। इस सिलसिले में नबी पाक सल्ल और आप सल्ल के सहाबा रजि0, अवलियाक्राम और बुजुर्गान -ए- दीन के दिखाये हुए सच्चे रास्ते पर चलने में अपनी दुनिया व आखिरत की कामयाबी समझते हैं। इस लिए वह आतंकवाद के करीब भी नही जाता हैं। मौलाना खालिद रशीद ने इस अवसर पर न्यूजीलैंड के शहीदों के लिए दुआए मगफिरत की। इस अवसर पर सुन्नी बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद मुश्ताक़, मौलाना सुफियान निजामी, सै० अयाज अहमद और अन्य लोग मौजूद थे।