खेल के हर विभाग में मेजबान भारत को बौना साबित करते हुये दक्षिण अफ्रीका ने बुधवार को आखिरी एक दिवसीय मुकाबले में पांच विकेट से विजय हासिल करने के साथ पांच एक दिवसीय मैचों की श्रृखंला 4-1 से जीत ली।
अटल बिहारी वाजपेयी इकाना अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम पर भारतीय महिला टीम ने पहले खेलते हुये 49.3 ओवरों में 188 रनो का सामान्य स्कोर खड़ा किया। जवाब में दक्षिण अफ्रीका ने 48.2 ओवरों में आसान विजय लक्ष्य पांच विकेट खोकर हासिल कर लिया।
पांच मैचों की मौजूदा श्रृखंला में भारत को एकमात्र जीत दूसरे एक दिवसीय में मिली थी। पहले ही श्रृखंला गंवा चुकी भारत के पास आज का मैच साख बचाने और आगामी टी-20 सीरीज के लिहाज से मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल करने का अवसर था मगर बल्लेबाजों के लचर प्रदर्शन के बाद सुस्त क्षेत्ररक्षण और कमजोर गेंदबाजी ने भारतीय उम्मीदो पर तुषारापात कर दिया।
स्टार बल्लेबाज लिजेली ली के बगैर मैदान पर उतरी दक्षिण अफ्रीका की शुरूआत भी फीकी रही जब उसके तीन विकेट मात्र 27 रनो पर गिर गये। हालांकि भारतीय टीम मेहमान टीम पर आये इस दवाब को ज्यादा समय तक बरकरार नहीं रख सकी। मिगनन डू प्रीज (57) और अनेकी बोस्च (58) ने क्रीज पर टिक कर कमजोर गेंदो पर करारे प्रहार लगाये और दोनो खिलाड़ियों ने 96 रन की पार्टनरशिप कर टीम को ड्राइविंग सीट पर बैठा दिया। बाद में रही सही कसर मैरीजेनी काप (36 नाबाद) ने पूरी कर दी और भारत के हाथ से यह मैच आसानी से निकल गया।
पहले तीन मैचों में आठ विकेट हासिल करने वाली अनुभवी झूलन गोस्वामी इस मैच में कोई प्रभाव नहीं छोड़ सकी हालांकि दूसरे छोर से राजेश्वरी गायकवाड़ ने किफायती गेंदबाजी कर प्रदर्शन करते हुये 13 रन देकर तीन महत्वपूर्ण विकेट चटकाये। राजेश्वरी के दस ओवरों में चार मैडन रहे वहीं युवा मोनिका पटेल भी 34 रन लुटा कर खाली हाथ रही। भारत की ओर से कप्तान मिताली राज (79 नाबाद) और चोटिल हरमनप्रीत (30) के अलावा अन्य बल्लेबाजों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा।
मिताली के अलावा अन्य बल्लेबाज मेहमान गेंदबाजी आक्रमण के सामने ज्यादा समय तक नहीं टिक सका। एक छोर पर टिक कर अपने बल्लेबाजों के दयनीय प्रदर्शन को निहारते हुये मिताली ने संयमपूर्ण बल्लेबाजी का मुजाहिरा किया और अपनी नाबाद पारी में 104 गेंद खेल कर आठ चौके और एक छक्का जड़ा। हरफनमौला हरमनप्रीति ने कप्तान का साथ दिया और 55 गेंदो पर 30 रन जोड़े। पूरी लय में नजर आ रही हरमन हालांकि मैच के 31वें ओवर में मांसपेशियों में खिंचाव आने से आगे बल्लेबाजी नहीं कर सकी और पवेलियन लौट गयीं।
नैडिनी डी क्लर्क (35 रन पर तीन विकेट), नोंडूमिसो शानगासे (45 पर दो) और टूमी सेखूखूने ( 26 पर दो) की तिकड़ी के आगे भारतीय बल्लेबाजों में पवेलियन जल्दी लौटने की बेकरारी दिखायी पड़ी,नतीजन छह बल्लेबाज अपने स्कोर को दहाई तक भी पहुंचाने में असफल साबित हुये। मैच के बाद भारतीय कप्तान ने स्वीकार किया कि मेहमान टीम के मुकाबले उनकी टीम का प्रदर्शन बेहद फीका रहा। खासकर गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण में बेहद सुधार की जरूरत है जब विश्वकप के लिये कुछ ही महीने बचे हैं।
उन्होने कहा कि मौजूदा श्रृखंला टीम के लिये फायदेमंद रही और खिलाड़ियों को लय में आने में मदद मिली। उन्होने कहा कि श्रृखंला में अनुभव और जोश के बीच तालमेल बैठाने की पूरी कोशिश की गयी और वर्ल्डकप की तैयारियों के लिहाज से यह जरूरी था। भारतीय टीम अब इसी मैदान पर हरमनप्रीत की कप्तानी में तीन टी-20 मैचों की श्रृखंला का पहला मैच 20 मार्च को खेलेगी।