अशाेेेक यादव, लखनऊ। जब तक किसानों से लिए गन्ने का मूल्य भुगतान नहीं हो जाता तब तक प्रदेश की चीनी मिलें गन्ना किसानों को बीज, खाद, कीटनाशक और कृषि संयंत्र उधार देंगी। गन्ना आयुक्त कार्यालय से इस बाबत प्रदेश की सभी चीनी मिलों संचालकों को आदेश जारी किए गए हैं।
इस आदेश में कहा गया है कि चीनी मिलें इच्छुक किसानों को उनकी सहमति के आधार पर ब्याज मुक्त ऋण पर गन्ना बीज, कीटनाशक, खाद और कृषि संयंत्र आदि कृषि निवेश उपलब्ध करवाएंगी। इसमें जो लागत जाएगी उसकी कटौती गन्ना मूल्य भुगतान करते समय समायोजित की जाएगी।
किसानों को यह सुविधा आगामी 30 मई तक मिलेगी। चीनी मिलों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि इच्छुक किसानों को उनकी सहमति के आधार पर ब्याजमुकत ऋण पर गन्ना बीज, कीटनाशक, खाद व कृषि संयंत्र व अन्य कृषि निवेश उपलब्ध करवायेगी।
उसकी भरपाई गन्ना मूल्य में समायोजित करने के बाबत अपना प्रस्ताव जिला गन्ना अधिकारी और उप गन्ना आयुक्त के जरिये गन्ना आयुक्त कार्यालय को 30 मई तक उपलब्ध करवा दिया जाए।
जानकारों के अनुसार प्रदेश के गन्ना उत्पादक जिलों में ज्यादातर गन्ने की बोवाई हो चुकी है और अब किसानों को फसल की सुरक्षा के लिए खाद, कीटनाशक आदि की जरूरत है। हाल के दिनों में गन्ने की फसल पर पायरीला कीट का हमला हुआ है।
आए दिन की बारिश की नमी से पायरीला कीट का प्रकोप बढ़ गया है। चूंकि बहुत से किसानों को चालू पेराई सत्र में अभी चीनी मिलों ने उनसे लिए गन्ने का भुगतान नहीं किया है और लाकडाउन की वजह से किसानों के सामने आर्थिक संकट भी है।
इसलिए गन्ना आयुक्त कार्यालय ने चीनी मिलों को आदेश दिए हैं कि वह किसानों को कीटनाशक, खाद व अन्य कृषि निवेश उधार उपलब्ध करवाएं। 12 मई तक संकलित आंकड़ों के अनुसार चालू पेराई सत्र का चीनी मिलों पर किसानों का 14496.56 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य बकाया हो चुका है। अब तक किसानों को मिलें 55 प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान कर पाई हैं।