कानपुर: नगर निगम भी सूअर पालकों को दबंग मानता है। आरटीआइ कार्यकर्ता द्वारा मांगी गई सूचना के जवाब में खुद नगर निगम ने इसे स्वीकार किया है। इसी भय के चलते 11 माह से सूअर पकड़ने का अभियान बंद पड़ा है। हालात यह है कि पॉश इलाकों तक में सूअरों का आतंक है। नगर निगम ने इनको पकड़ने के लिए अभी तक कार्ययोजना नहीं बनाई है।
आरटीआइ कार्यकर्ता नीरज गुप्ता द्वारा सूअर पकड़े जाने के बाबत मांगी गई सूचना में पशु चिकित्साधिकारी डॉ एके सिंह ने सूअर पालकों के दबंग होने की जानकारी दी। पत्र में कहा है कि सूअर पालक दबंग किस्म के होते हैं। बिना पुलिस सुरक्षा के सूअर पकड़ने में जान-माल का खतरा है।
इन मोहल्लों में लोग परेशान: सिविल लाइंस, आर्यनगर, पांडुनगर, फूलबाग, मरियमपुर चौराहा, फजलगंज, गांधीनगर, दर्शनपुरवा, बजरिया, चमनगंज, बेकनगंज, जवाहर नगर व कल्याणपुर आदि।
करेला ऊपर से नीम चढ़ा: शहर की सड़कों का हाल कुछ ऐसा ही है। एक तो सड़कें खस्ताहाल हैं, उस पर आवारा जानवर धमाचौकड़ी कर रहे हैं। कीचड़ और दलदल में तब्दील हुई सड़कों पर वाहन फंसते हैं तो कुत्ते और सांड़ हमला बोल देते हैं। अब तक दर्जनों लोग जख्मी हो चुके हैं। मगर, नगर निगम इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
सिर्फ गाय पकड़ी जा रही है: आवारा जानवर पकड़ने के नाम पर सिर्फ गाय ही पकड़ी जा रही है। कुत्ते, सांड़ और सूअर आराम से घूम रहे हैं। बीते दस माह से कुत्ताें को पकड़ने व बंध्याकरण का काम रुका पड़ा है। अभी तक कंपनी ही नहीं तय हो पाई है। दो बार टेंडर कराए लेकिन कोई कंपनी नहीं आई।
बारिश में शहर की खोदी सड़कें हुईं दलदल: बारिश में खोदी सड़कें और खतरनाक हो गईं हैं। मंगलवार को रुक-रुक कर हुई बारिश से सड़कें दलदल में बदल गई हैं। इसके चलते वाहनों को निकलना दूर पैदल चलना मुश्किल हो गया। कंपनी बाग चौराहे से गंगा बैराज तक, नवाबगंज, स्वरूप नगर से आर्यनगर, पीपीएन मार्केट शास्त्रीनगर, लालबंगला, फूलबाग, झाड़ी बाबा पड़ाव समेत कई जगह खोदी गई सड़कें कीचड़ में बदल गई हैं।
लोग हो रहे घायल: मिट्टी के कारण नालियां व गली पिट चोक हो गई हैं। इसके चलते निकासी बंद हो गई है। जरा सी बारिश में पानी भर जाने से लोगों का निकलना मुश्किल हो गया है अब तक कई वाहन चालक गिरकर जख्मी हो चुके हैं।