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कश्मीरी पंडितों को इंसाफ दिलाने की कवायद, 9 संपत्तियां वास्तविक मालिकों को वापस की गईं

नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को कहा कि वह कश्मीर में आतंकवादी हिंसा के चलते अपने घरों से पलायन कर गये कश्मीरी पंडितों की पैतृक संपत्ति को बहाल करने के प्रयास कर रही है तथा अभी तक नौ संपत्तियों को उनके उचित एवं वास्तविक स्वामियों को वापस कर दिया गया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर विस्थापित अचल संपत्ति (संरक्षण, सुरक्षा एवं मजबूरी में बिक्री का निषेध) कानून 1997 के तहत राज्य के संबंधित जिलों के जिलाधीश विस्थापितों की अचल संपत्ति के कानूनी संरक्षक होते हैं और अतिक्रमण होने की स्थिति उन संपत्तियों को खाली करवाने के लिए स्वत: आधार पर भी कार्रवाई कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विस्थापित लोग ऐसे मामलों में जिलाधीशों से अनुरोध कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि संपत्ति को उसके उचित एवं वास्तविक स्वामी को लौटाने के मामले में जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारी के अनुसार नौ संपत्तियों को लौटा दिया गया है। राय ने कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार, अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद से प्रधानमंत्री के 2015 के पैकेज के तहत नौकरी पाने के मकसद से विस्थापित हुए 520 लोग राज्य में वापस लौटे।

उन्होंने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में बताया कि पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद से संविधान के सभी प्रावधान केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में लागू हो गये हैं। इसके लिए आवश्यक था कि जम्मू कश्मीर के वर्तमान कानूनों में बदलाव के लिए अंगीकार आदेश जारी किया जाए ताकि वे कानून संविधान के प्रावधानों के अनुरूप बन सकें।

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के अंगीकार किए गए कानूनों के तहत सरकार आधिकारिक गजट में अधिसूचना के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य एवं परमार्थ संगठनों जैसे सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए भूमि का स्थानांतरण कर सकती है।

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