लखनऊ। पहाड़ों पर सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की मौजूदगी और इसका असर दिल्ली-एनसीआर तक होने से आज करवाचौथ पर चांद के दीदार में बादल दीवार बन सकते हैं। दिल्ली-एनसीआर के कुछ हिस्सों में शाम को बादल छा गए। दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी भी हुई। इससे देर रात चांद दिखेगा या नहीं इसको लेकर भी असमंजस है।
कल से मैदानों में रात के तापमान में व्यापक गिरावट होने के आसार हैं। हालांकि पहाड़ों पर बर्फबारी के बाद कल से मैदानों में बहने वाली शुष्क एवं ठंडी हवाओं से प्रदूषण के स्तर में गिरावट हो सकती है। एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई 189 दर्ज हुआ जो मध्यम श्रेणी में है।
ज्योतिषाचार्य विभोर इंदुसुत के अनुसार यदि बादल या अन्य किसी कारण से चंद्रमा दिखाई न दे तो उत्तर पूर्व की तरफ मुंह करके ऊं सौं सोमाय नम: 11 बार पढ़ते हुए चंद्रमा को अर्घ्य दे दें। चंद्रोदय के निर्धारित समय से आधे घंटे बाद। चूंकि यह चतुर्थी का चांद होता है, इसलिए इसको दिखाई देने में आधा घंटा लग जाता है।
वहीं, पंडित विनोद त्रिपाठी एवं आचार्य मनीष शास्त्रत्त्ी का कहना है कि यह त्योहार चांद का है। बादल कितने भी हों, बीच में चांद की झलक जरूर दिख जाती है। चंद्र दर्शन के बाद ही व्रत का पारण होता है। उनका कहना है कि चंद्रोदय के निर्धारित समय से कुछ देर बाद व्रत का पारण किया जा सकता है।