अशाेेेक यादव, लखनऊ। राजस्थान की सियासत में पिछले दो दिन से घमासान मचा हुआ है। राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार खतरे में घिर गयी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच आपसी खींचतान ने सरकार का भविष्य अनिश्चित कर दिया है।
स्थिति कुछ वैसी ही बन रही है, जैसी कुछ दिन पूर्व मध्य प्रदेश में बनी थी और मुख्यमंत्री कमलनाथ को सीएम की कुर्सी से हाथ धोना पड़ा था। मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी ही पार्टी की सरकार गिराई थी तो अब राजस्थान में सचिन पायलट कुछ ऐसी ही भूमिका में हैं।
राजस्थान सरकार पर मंडरा रहे इस खतरे पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने पार्टी नेतृत्व को आगाह किया है। सिब्बल ने पार्टी नेतृत्व से पूछा है कि क्या हम घोड़ों के अस्पताल से भाग जाने के बाद जागेंगे।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने रविवार को एक ट्वीट में यह बात कही। हालांकि उन्होंने किसी मुद्दे का जिक्र नहीं किया है, लेकिन सिब्बल का इशारा साफ है कि वह किन घोड़ों के भागने की बात कर रहे हैं।
बता दें कि पिछले दो दिन से राजस्थान की सियासत में उथल-पुथल मची हुई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच जोर-आजमाइश तो काफी पुरानी है। लेकिन अब विधायकों की खरीद-फरोख्त आरोप-प्रत्यारोप ने मामला तूल पकड़ लिया है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने भाजपा पर उनकी सरकार अस्थिर करने का आरोप लगाया है। सीएम गहलोत ने कहा है कि भाजपा उनके विधायकों को खरीदने के लिए 15 से 20 करोड़ तक का ऑफर दे रही है।
इसी बीच रविवार को सचिन पालयल अचानक दिल्ली पहुंचे। यहां उन्होंने पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार पायलट ने सोनिया गांधी से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की शिकायत की है। वहीं राजस्थान भाजपा ने मुख्यमंत्री के आरोपों का खारिज करते हुए इसे कांग्रेस और सरकार की आंतरिक कलह करार दिया है।