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ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं होने का जवाब देने वाली मंत्री के खिलाफ नोटिस जारी होगा या नहीं, नायडू करेंगे फैसला

अशाेक यादव, लखनऊ। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं होने संबंधी बयान देने वाली केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती पवार के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का मुद्दा शुक्रवार को राज्यसभा में उठा जिस पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि यह नोटिए उनके समक्ष विचाराधीन है। नायडू ने कहा कि इस प्रस्ताव का निरीक्षण किया जा रहा है और इसकी प्रक्रिया अभी जारी है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पिछले दिनों राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया था कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से ऑक्सीजन के अभाव में किसी भी मरीज की मौत की खबर नहीं मिली है।

केंद्रीय मंत्री के इस जवाब को ”सदन को गुमराह करने वाला” बताकर कांग्रेस के सदस्य के सी वेणुगोपाल ने उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव सभापति के समक्ष रखा था। शून्यकाल में इस मामले को उठाते हुए वेणुगोपाल ने अपने इस प्रस्ताव का मामला उठाया और कहा कि उन्होंने नियम 187 के तहत स्वास्थ्य राज्य मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार का नोटिस दिया है।

उन्होंने कहा, ”यह मेरे द्वारा पूछे गए एक सवाल से संबंधित है। मैंने बड़ा ही सीधा सवाल पूछा था कि क्या यह सच्चाई है कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी के कारण बड़ी संख्या में कोविड-19 के मरीजों की मौत सड़कों और अस्पातलों में हुई।”

उन्होंने बताया कि मंत्री ने इसके जवाब में कहा है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं हुई है। उन्होंने कहा,”ऐसा करके मंत्री ने सदन को गुमराह किया है”। इस पर नायडू ने कहा, ”मुझे इस बारे में नोटिस मिला है। इसका निरीक्षण किया जा रहा है। इस बारे में मुझे संबंधित मंत्री की प्रतिक्रिया भी लेनी है। प्रक्रिया जारी है।”

स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा था, ”केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड से मौत की सूचना देने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।” उन्होंने जानकारी दी थी, ”इसके अनुसार, सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश नियमित रूप से केंद्र सरकार को कोविड के मामले और इसकी वजह से हुई मौत की संख्या के बारे में सूचना देते हैं।

बहरहाल, किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने ऑक्सीजन के अभाव में किसी की भी जान जाने की खबर नहीं दी है।” मंत्री के बयान के बाद इस मुद्दे पर देश की राजनीति गरमा गई थी।

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