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आखिर क्यों एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा ने खुद उठाई है उनके खिलाफ आईपीएस अमिताभ ठाकुर द्वारा लिखाई गई एफआईआर की सीबीआई जांच की मांग

लखनऊ। एफआईआर दर्ज हो जाने के बाद अभियुक्तों द्वारा सीबीआई जांच से बचने के मामले तो आपने बहुत देखे होंगे पर यूपी की राजधानी लखनऊ की एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा ने इससे उलट अपने खिलाफ आईपीएस अमिताभ ठाकुर द्वारा थाना हजरतगंज में लिखाई गई प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या 0102.2019 की सीबीआई जांच की मांग खुद ही उठा दी है, उर्वशी बताती हैं कि उन्होंने बीती 25 जनवरी को लखनऊ के गोमतीनगर थाने पर आईपीएस अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर के फ्रॉड के सम्बन्ध में एक सप्रमाण तहरीर देकर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने का अनुरोध किया था ।

जब थाने पर मुकदमा नहीं लिखा गया तो उन्होंने नीती ३१ जनवरी को लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को सप्रमाण पत्र लिखकर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने का अनुरोध किया स बकौल उर्वशी जब लखनऊ के एस.एस.पी. ने भी कोई कार्यवाही नहीं की तो विवश होकर उन्होंने यूपी के राज्यपाल और सीएम सहित उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर कार्यवाही का अनुरोध किया स उर्वशी बताती हैं कि उनके पत्रों पर तो कोई कार्यवाही नहीं हुई लेकिन इसी बीच नूतन ठाकुर के पति अमिताभ ठाकुर ने अपने उच्च पुलिस पद का खुला दुरुपयोग करते हुए ।

उनके खिलाफ लखनऊ के थाना हजरतगंज में अंतर्गत धारा 353,500,506,507 आईपीसी और सूचना प्रौधौगिकी (संशोधन) अधिनियम की धारा 67 के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या 0102. 2019 दर्ज करा दी और पुलिस को उनके घर भेज-भेज कर परेशान करवाना शुरू कर दिया, बकौल उर्वशी उनके द्वारा भेजी गई शिकायतों में आईपीएस अमिताभ ठाकुर भी आरोपी हैं, उनकी इस शिकायतों पर शासन-प्रशासन ने अभी तक जांच कराकर शिकायतों के सत्य या असत्य होने के सम्बन्ध में कोई निर्णय अंतिम नहीं किया है लेकिन उससे पहले ही थाना हजरतगंज ने आईपीएस अमिताभ ठाकुर के दबाब में उनकी शिकायतों को झूंठा मानकर एफआईआर लिख ली है।

लखनऊ की पुलिस उन्हें परेशान भी कर रही है इसलिए अमिताभ के दबाब में काम कर रही पुलिस द्वाराअमिताभ की तहरीर की सत्यता जांचने के लिए निष्पक्ष विवेचना संभव नहीं है इसलिए उनके खिलाफ लिखी गई एफआईआर की सीबीआई जांच आवश्यक है, उर्वशी ने कहा है कि अमिताभ ठाकुर द्वारा उनके खिलाफ दी गई तहरीर की शब्द-दर-शब्द सत्यता की जांच के लिए नूतन ठाकुर के देवरिया के सम्बंधित प्लाट आबंटन की मूल पत्रावली और इस सम्बन्ध में देवरिया जिले के विभिन्न सरकारी कार्यालयों,उधोग विभाग के निदेशालय और शासन के विभिन्न विभागों यथा लघु उद्योग, गृह, विजिलेंस आदि में नूतन ठाकुर के प्रश्नगत प्लाट आबंटन के सम्बन्ध में की गई सभी शिकायतों और सभी जांचों को सम्मिलित करते हुए उनके खिलाफ लिखी गई इस एफआईआर की विवेचना की जानी न्यायहित में आवश्यक है जो पुलिस महकमे के द्वारा निष्पक्षता से और गहनता से किया जाना संभव नहीं है अतः उनके खिलाफ लिखी गई एफआईआर की जांच सीबीआई द्वारा किया जाना आवश्यक है।

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