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विरोध जताने के लिए 120 दलितों ने अपनाया बौद्ध धर्म, दो बार समय देने पर भी हरियाणा सरकार ने नहीं मानी उनकी मांगें

लखनऊ: हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार के प्रति अपना गुस्सा दिखाते हुए हरियाणा में करबी 120 दलितों ने सोमवार को बौद्ध धर्म अपना लिया. इन लोगों का आरोप है कि हरियाणा सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी. इसके लिए उन्होंने सरकार को दो बार समय भी दिया था, लेकिन इसके बाद भी हमारी मांगे पूरी नहीं की गईं. इसके बाद इन लोगों ने ये कदम उठाया.

इन परिवारों ने दिल्ली के लद्दाख बौद्ध भवन में जाकर बौद्ध धर्म को अपनाया. इस मौके पर दलित नेता दिनेश खापड़ ने बताया कि हम सभी लोग 113 दिनों से जींद में धरना दे रहे थे, लेकिन हरियाणा सरकार ने हमारी बात नहीं सुनी. उन्होंने बताया कि कई हम लोग 7 मार्च को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी मिले थे. हमने उन्हें 20 मई तक हमारी मांग लेने के लिए समय दिया था. लेकिन इसके बाद भी हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया.

इसके बाद हमने अपना धर्म बदलने का फैसला किया है.उन्होंने कहा, सरकार की ओर से सिर्फ आश्वासन ही दिया गया. हमारी मांगें नहीं मानी गईं. हमारी मांग हैं कि गैंगरेप केस की सीबीआई जांच की जाए, ईश्वर हत्याकांड के परिजनों को नौकरी दी जाए, जम्मू में शहीद हुए दलित परिवार को नौकरी दी जाए और इसके अलावा एससी/एसटी एक्ट में अध्यादेश लाया जाए.

दिनेश खापड़ ने कहा कि जब सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना गया, तो उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया. उनका आरोप है कि हिंदू समाज के ठेकेदार दलितों का शोषण करने में लगे हैं, ऐसे में धर्म बदलना मजबूरी बन गया था. वहीं हरियाणा के मंत्री अनिल बिज ने कहा, मांगे मनवाने के लिए धर्म परिवर्तन करना सही नहीं है.

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