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जिलाधिकारी टी. अन्बाझगन , अपने ड्राइवर के लिए अपनी गाड़ी का गेट खोल पीछे की सीट पर बैठा कर उसके घर तक छोड़ने गए

करूर , तमिलनाडु / लखनऊ : कलेक्टर किसी भी जिले का सबसे बड़ा अधिकारी होता. अमूमन आपने अभी तक कलेक्टर या जिलाधिकारी को सरकारी गाड़ी में पीछे की सीट पर बैठे देखा होगा, लेकिन इन दिनों सोशल मीडिया पर तमिलनाडु की एक फोटो वायरल हो रही है. जिसने सभी का दिल जीत लिया है. इस फोटो में तमिलनाडु के करूर जिले के कलेक्टर टी. अन्बाझगन अपने ड्राइवर के लिए गाड़ी का गेट खोलते नजर आ रहे हैं. दरअसल, कलेक्टर कार्यालय में ड्राइवर के पद पर तैनात पारामासिवम 30 अप्रैल को 35 साल की लंबी सेवा के बाद रिटायर हो रहे थे. उनके रिटायरमेंट को खास और यादगार बनाने के लिए कलेक्टर टी. अन्बाझगन ने खुद पूरी प्लानिंग की. पारामासिवम और उनकी पत्नी को दफ्तर में सोने का सिक्का औऱ शॉल देकर सम्मानित किया. इसके बाद खुद ड्राइविंग सीट की कमान संभाली और पारामासिवम और उनकी पत्नी को घर तक पहुंचाया. हालांकि इतने वर्षों तक कलेक्टर साहब के लिए गाड़ी चलाने वाले पारामासिवम संकोच में थे कि आखिर वे पीछे की सीट पर कैसे बैठें, लेकिन कलेक्टर साहब के समझाने के बाद वे मान गए. इससे पहले कलेक्टर टी. अन्बाझगन ने पारामासिवम के रिटायर होने के उपलक्ष्य में शानदार पार्टी भी रखी. जिसमें पूरे कार्यालय ने शिरकत किया.मीडिया से बात करते हुए  पारामासिवम ने कहा कि, जब कलक्टर साहब ने मेरे लिए खुद गाड़ी चलाने की घोषणा की तो मैं सन्न रह गया. मुझे बहुत खुशी हुई. घर पहुंचने के बाद कलेक्टर टी. अन्बाझगन ने पारामासिवम के परिवार के साथ चाय पी औऱ काफी वक्त भी बिताया. बाद में कलेक्टर टी. अन्बाझगन ने कहा कि, ‘अगर एक कलेक्टर दिन में 16 घंटे काम करता है तो उसका ड्राइवर 18 घंटे काम करता है’. उन्होंने पूरी जिंदगी हमें घर पहुंचाया. इसीलिये मैं उन्हें उनकी सेवा के लिए सम्मानित करना चाहता था.

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