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सदमा और भय : युद्ध अभ्यास “विजय प्रहार” में विरोधी को अपूरणीय क्षति पहुंचाने के नए अभिनव तरीकों का अभ्यास किया

सूरतगढ़ / लखनऊ : सूरतगढ़ के नजदीक महाजन फायरिंग रेंज के रेगिस्तान में मौजूदा युद्ध अभ्यास विजय प्रहार में, हथियारयुक्त हेलीकॉप्टरों, आधुनिक निगरानी उपकरणों और विशेष बल की क्षमताओं को सत्यापित करने के बाद, अब टैंकों को अपनी क्षमता दिखने की बारी है । शत्रुओं को निर्णायक झटका देने के लिए मशीनीकृत बलों की क्षमता का सत्यापन सप्त शक्ति कमांड के हमलावर फोर्मेशन्स के उद्देश्यों में से एक है। अभ्यास का नाम – विजय प्रहार – स्वयं ही इसका प्रतीक है।आज के पारदर्शी युद्धक्षेत्र में, मशीनीकृत बलों को उनकी सामूहिक उपस्थिति से एक व्यवहार्य लक्ष्य पेश करने का जोखिम नहीं उठा सकते है। कमांड की मशीनीकृत बलों ने अपनी ताकतों को किसी भी नुकसान से रोकने के दौरान विरोधी को अपूरणीय क्षति पहुंचाने के नए अभिनव तरीकों का अभ्यास किया। इसके लिए टैंक और सैनिक रेगिस्तान में फैल गए और उसके बाद केंद्रित हो कर बिजली की गति से दुश्मन के ऊपर निर्णायक पंच प्रदान किया और दुश्मन “सदमे और भय” से बाहर निकलने से पहले फिर से फैल गए।

अन्यथा शांत दिखनेवाले रेगिस्तान में फौलादी टैंकों का वजन पचास टन होता है, अचानक कम से कम अपेक्षित दिशा से बड़ी संख्या में दिखाई देने पर वो भी ज्यादा शोर के साथ, विस्फोटक फायर करता है जो सीमेंट को कपास की तरह उड़ा सकता है और उसी प्रकाश गति से
गायब हो सकता है जिस से वे आते हैं, दुश्मन के एक और ठिकाने को बर्बाद करने के लिए फिर से एक और जगह पर एकत्रित होते हैं।

समन्वय की एक बहुत ही उच्च डिग्री आधुनिक युद्धाभ्यास, युद्ध के समय की आवश्यकता है। सप्त शक्ति कमांड की भाग लेने वाली फॉमरशनों ने अपने लिए निर्धारित लक्ष्य को व्यापक रूप से प्राप्त किया है।

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