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जम्मू के सुनजवां आर्मी कैम्प पर आतंकियों का हमला , दो जे सी ओ सहित पाँच जवान शहीद , परिवार के एक सदस्य की भी हत्या

जम्मू : जम्मू से करीब दस किलोमीटर दूर सुनजवां कैम्प पर आतंकियों ने हमला कर दिया जिसमें एक जे सी ओ व एक जवान की मौत हो गई. सेना से मिली जानकारी के मुताबिक सुबह आतंकी सुनजवां कैम्प में घुस गए. इससे पहले गेट पर तैनात सन्तरी ने संदिग्ध हरकत देखी. दोनों ओर से फायरिंग हुई. इस दौरान तीन से चार आतंकी दो- दो की तादाद में कैम्प में दाखिल हो गए. ये आतंकी जेसीओ फैमिली क्वाटर की ओर घुसे हैं. पुलिस ने बताया कि फायरिंग के दौरान 2 जवानों की मौत हो गई जबकि अन्य घायल हो गए.इनमें एक जेसीओ, उनकी बेटी और एक स्थानीय नागरिक शामिल हैं. जम्मू में हाई अलर्ट घोषित किये जाने के साथ ही आसपास के इलाकों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

बताया जा रहा है कि कैंप के भीतर से गोलियां चलने की आवाज सुनी गईं जिसके बाद इलाके की घेराबंदी कर दी गई. माना जा रहा है कि यह हमला जैश ए मोहम्मद के आतंकियों ने किया है.

पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह अपनी तरह का पहला ऐसा हमला है. अधिकारियों ने बताया कि शिविर के पिछले हिस्से में सैन्यकर्मियों के आवासीय क्वार्टर हैं. आतंकवादियों की संख्या दो से तीन मानी जा रही है. हालांकि उन्हें अलग-थलग किया जा चुका है.

सुबह 5 बजे के आसपास हुए आतंकी हमले में एक जेसीओ सहित एक जवान शहीद हो गया है, जबकि सात लोगों के घायल होने की खबर आ रही है। इनमें सेना के एक मेजर, दो जेसीओ, दो महिलाएं और दो बच्चे शामिल हैं।

अपडेट : आतंकवादियों के खिलाफ अभियान आज दूसरे दिन भी जारी है. इस आतंकी हमले में सेना के 5 जवान शहीद हो गए हैं जिसमें दो जेसीओ, तीन जवान और एक जवान के परिवार के सदस्‍य की भी मौत हो गई है. सुरक्षाबलों ने चार जैश के आतंकी मारे गिराए हैं. इसमें दो आतंकियों को शनिवार को मार गिराया था और दो आतंकियों को आज ढेर किया है. शनिवार रात से आतंकियों की तरफ से फायरिंग नहीं हुई है. सेना एक-एक फ्लैट की तलाशी ले रहीं है और अभी ऑपेरशन खत्म नहीं हुआ है. बताया जा रहा है कि अभी एक या दो आतंकी छुपे हो सकते हैं.

अधिकारी ने कहा, ‘‘गत रात से कोई गोलीबारी नहीं हुई.’’ उन्होंने बताया कि मुठभेड़ स्थल से सिर्फ दो आतंकवादियों के शव बरामद किए गए हैं. जम्मू क्षेत्र में करीब 15 महीने पहले ऐसा ही हमला हुआ था. 29 नवंबर 2016 को आतंकवादी जम्मू शहर में नगरोटा सैन्य शिविर में घुसे थे जिसमें दो अधिकारी समेत सात सैन्य कर्मी शहीद हो गए थे. इसमें तीन आतंकवादी भी मारे गए थे.

आतंकवादी शनिवार भोर होने से पहले शिविर में घुसे और संतरी से संक्षिप्त मुठभेड़ के बाद वह पीछे की ओर से शिविर के भीतर घुसे. अधिकारी ने कहा, ‘‘आतंकवादी आवासीय परिसर में घुसे जिसके बाद त्वरित कार्रवाई दलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी और शिविर के भीतर कुछ घरों में छिपे आतंकवादियों को घेर लिया.’’

शिविर के सामने जम्मू-लखनपुर बाइपास पर वाहनों की आवाजाही जारी है जबकि बुलेट प्रूफ वाहनों में सवार सैन्य कर्मी शिविर के पीछे की ओर आवासीय परिसर से लोगों को निकालने के अभियान में जुटे हैं.

खुफिया एजेंसियों ने अफजल गुरू की बरसी के मद्देनजर जैश-ए-मोहम्मद द्वारा सेना या सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर हमले की चेतावनी दी थी. अफजल गुरू को नौ फरवरी 2013 को फांसी दी गई थी.

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