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उत्तर प्रदेश में दौड़ेगी देश की पहली रैपिड रेल

  • दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने आवंटित किया 900 करोड़ रुपया

लखनऊ: एनसीआर में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए बन रहे भारत के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने आज पेश किए गए बजट में 900 करोड़ रुपया आवंटित किया है। इसी वर्ष भारत सरकार ने भी आरआरटीएस के लिए केंद्रीय बजट में 2,487 करोड़ रुपये आवंटित किया है।

भारत के  प्रधानमंत्री ने 8 मार्च, 2019 को दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर की आधारशिला रखी थी। जिसके तुरंत बाद समुचित योजना और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिहवन निगम (एनसीआरटीसी) टीम की विशेषज्ञता के साथ निर्माण कार्य शुरू किया गया था। 82 किमी लंबा दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के 17 किमी के प्राथमिकता वाले हिस्से पर निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है। साथ ही कॉरिडोर के अंतर्गत दुहाई से साहिबाबाद तक पिलर निर्माण कार्य भी चल रहा है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के पुल के लिए पहला गर्डर (सेगमेंट) एनसीआरटीसी के वसुंधरा, गाजियाबाद स्थित कास्टिंग यार्ड में बनाया गया है। पुल निर्माण का काम भी जल्द ही दिखने लगेगा। प्राथमिकता वाले कॉरिडोर पर परिचालन मार्च 2023 से प्रस्तावित है। इस कॉरिडोर में चार स्टेशन हैं – साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर और दुहाई।

इसके साथ ही अन्य खंडों में भी तीव्र गति से काम चल रहा है। शताब्दी नगर से मोदीपुरम के बीच प्रारंभिक पाइल लोड टेस्ट चल रहा है। दिल्ली खंड में सराय काले खां से लेकर आनंद विहार तक प्रारंभिक पाइल लोड टेस्ट के लिए निविदाएं मंगाई गई हैं। न्यू अशोक नगर रैंप, नई दिल्ली से गाजियाबाद में साहिबाबाद रैंप तक टनल बोरिंग मशीन द्वारा दिल्ली के हिस्से की सुरंगों के डिजाइन और निर्माण के लिए भी निविदाएं मंगाई गई हैं। सराय काले खां और न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशनों के लिए मल्टीमॉडल इंटीग्रेशन स्कीम और जंग पुरा, नई दिल्ली में एक स्टेबलिंग यार्ड स्थापित करने के लिए डिटेल्ड डिजाइन कंसल्टेंट की नियुक्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया प्रगति में है।

180 किमी प्रति घंटे की डिजाइन गति और 160 किमी प्रति घंटे की परिचालन गति के साथ आरआरटीएस ट्रेनें यात्रा का अद्वितीय अनुभव देगी। भारत में यह अपनी तरह की पहली ट्रेन होगी। 25केवी एसी सिस्टम के साथ एरोडायनामिक कोच इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर स्व-चालित होंगे। आरआरटीएस ट्रेनों को अत्याधुनिक तकनीक से डिजाइन किया जा रहा है। दिल्ली – गाजियाबाद – मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर क्षेत्र में प्रदूषण को नियंत्रिक करने में मदद करेगा। हाई-स्पीड रेल 60 मिनट से कम समय में मेरठ और नई दिल्ली के बीच की दूरी तय करेगी।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) आरआरटीएस की कार्यान्वयन एजेंसी है। यह भारत सरकार (50%) और हरियाणा (12.5%), एनसीटी दिल्ली (12.5%), उत्तर प्रदेश (12.5%) व राजस्थान (12.5%) राज्य सरकारों का एक संयुक्त उपक्रम है। यह एनसीआर में आरआरटीएस के डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार है। यह भारत सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में काम करता है।

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