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चिन्मयानंद मामले में लॉ छात्रा की बढ़ सकती है मुश्किलें, वकील ने कोर्ट से गैंगस्टर एक्ट लगाने की रखी मांग

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और BJP के नेता चिन्मयानंद पर लॉ छात्रा से रेप के मामले छात्रा की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है। इस मामले में अब चिन्मयानंद की वकील पूजा सिंह ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह पुलिस को लॉ छात्रा और उसके अन्य तीन साथियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में मामला दर्ज करने का आदेश दे। पूजा सिंह के अनुसार आरोपी लड़की और उसके पिता ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर चिन्मयानंद से वसूली के लिए उनपर यह झूठा आरोप लगाया था। बता दें कि पिछले महीने ही मामले की जांच के लिए बनी SIT ने लॉ की छात्रा को गिरफ्तार कर लिया था। छात्रा की गिरफ्तारी को लेकर SIT प्रमुख नवीन अरोड़ा ने कहा था कि लड़की के खिलाफ उनके पास पर्याप्त सबूत हैं। इन्हीं सबूतों के आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया है।

अरोड़ा ने संवाददाताओं से कहा था कि इस पूरे मामले की जांच के दौरान हमें कई ऐसे सबूत मिले जिसे लेकर लड़की से पूछताछ करने की जरूरत महसूस हुई। उन्होंने कहा था कि हमारे पास चिन्मयानंद से पांच करोड़ रुपये मांगने को लेकर भी सबूत हैं। इस मामले में गिरफ्तार अन्य आरोपियों ने पुलिस को बताया था कि लड़की के कहने पर ही उन्होंने चिन्मयानंद को व्हाटस एप मैसेज किया था। अरोड़ा ने बताया था कि एसआईटी ने सारे डिजिटल साक्ष्य लिये और उनके आधार पर लड़की से पूछताछ की। सबकी लोकेशन चेक करायी गई। जब इस मामले में लड़की के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले तभी उसे गिरफ्तार किया गया है। गौरतलब है कि 23 वर्षीय युवती अपनी याचिका पर सुनवाई के लिए शाहजहांपुर की एक कोर्ट में जा रही थी, तभी भारी संख्या में मौजूद पुलिसबल ने उसे रास्ते में रोक लिया था।  इसके बाद उसे जबरन अपने वाहन में बैठा लिया गया था। हालांकि, युवती ने पुलिस के साथ जाने से मना कर दिया था और कहा था कि उसे याचिका पर सुनवाई के लिए कोर्ट जाना है। इस दौरान वहां पर हंगामा हो गया और वहां मीडिया पहुंच गई थी। इसके बाद ही पुलिस ने युवती को कोर्ट जाने दिया था। बता दें, छात्रा के वकील अनूप त्रिवेदी ने पत्रकारों को बताया था कि एडीजे सुधीर कुमार की अदालत ने स्वामी चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली छात्रा की अग्रिम जमानत याचिका विचारार्थ स्वीकार कर ली। त्रिवेदी ने कहा था कि यह राहत की बात है कि अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका विचारार्थ स्वीकार कर ली है और सामान्यत: ऐसे मामलों में गिरफ्तारी नहीं होती थी। इस बीच, छात्रा को अदालत से उसके घर छोड़ने पहुंची एसआईटी ने लड़की से उसके घर पर देर शाम तीन घंटे तक पूछताछ की।

पुलिस सूत्रों ने बताया था कि पूछताछ करने वाली टीम में दो महिला अधिकारियों के अलावा सात लोग थे। एसआईटी ने छात्रा से किन बिंदुओं पर पूछताछ की, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई। इससे पहले छात्रा ने कल उच्च न्यायालय में प्रार्थना की थी कि उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए। इस पर न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान की पीठ ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और कहा था कि लड़की अगर राहत चाहती है तो वह उचित पीठ के समक्ष नई याचिका दायर कर सकती है।अदालत ने यह भी कहा था कि पीठ इस मामले में केवल जांच की निगरानी करने के लिए नामित की गई है और गिरफ्तारी के मामले में कोई आदेश पारित करना उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। पुलिस सूत्रों ने बताया था कि इसी मामले को लेकर आज छात्रा ई रिक्शा से अपने भाई और पिता के साथ बैठकर न्यायालय आ रही थी कि तभी एसआईटी को सूचना मिल गई। वहां पहुंची एसआईटी को लड़की ने बताया था कि वह अदालत में हस्ताक्षर करने जा रही है। इसके बाद एसआईटी उसे लेकर अदालत पहुंची जहां छात्रा ने अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की।

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