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बुखार और लाल आंखों से होती है जीका वायरस की शुरुआत, 5 टिप्स रखेंगे बचाव

जानलेवा जीका वायरस भारत में फिर से अपने पैर पसार रहा है। भारत में पहली बार साल 2016 में जीका वायरस के इंफैक्शन का मामला सामने आया था। मगर हाल ही में गुजरात के अहमदाबाद में जीका इंफैक्शन के तीन मामले सामने आए हैं, जिनमें एक गर्भवती महिला भी शामिल थी। भारत से पहले यह वायरस ब्राजील,युगांडा,अफ्रीका,न्यू कैलिडोनिया और पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में भी अपना प्रभाव दिखा चुका हैं। भारत में एडीज मच्छरों की वजह से जीका वायरस के बढ़ते संक्रमण की वजह से डब्लू एचओ ने चिंता जताई है। उनका मानना है कि भविष्य में और भी मामले सामने आ सकते हैं।
क्या है जीका वायरस?
जीका वायरस एंडीज इजिप्टी नामक मच्छर से फैलता है। यैलो फीवर,डेंगू और चिकनगुनियां जैसी बीमारियां भी यही मच्छर फैलाता है। यह सबसे ज्यादा नवजात बच्चों, गर्भ में पल रहे शिशु, शारीरिक रूप से कमजोर लोगों को अपना शिकार बनाता है। इस खतरनार वायरस से शारीरिक तौर से विकलांग होने का डर रहता है। शुरू में इसके लक्षण सामान्य लगते हैं लेकिन देखभाल न करने से यह बीमारी गंभीर रूप भी धारण कर सकती है।लकवा और दिमागी बीमारी का खतरा
जीका वायरस से माइक्रोसेफेली का खतरा हो सकता है, जिससे प्रभावित बच्चे का जन्म अविकसित और छोटे दिमाग के साथ होता है। साथ ही इससे ग्यूलेन-बैरे का भी खतरा होता है। यह सिंड्रोम शरीर की तंत्रिका पर हमला कर रोगी को लकवे का शिकार भी बना सकती है। कैसे पहचाने की आप हो रहे हैं जीका वायरस के शिकार…
इस वायरस की चपेट में आने के बाद रोगी में जल्द संकेत दिखाई नहीं देते है बल्कि इसके लक्षण धीरे-धीरे महसूस होते हैं। इसमें बुखार 102 डिग्री तक पहुंच जाता है, जो 2 से 7 दिनों तक रह सकता है। इसके अलावा भी जीका वायरस के कारण रोगी के शरीर में कई लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे…
. स्किन पर रैशेज होना
. हाथ-पैरों में जलन होना
. तेज बुखार
. आंखों में जलन और लालपन
. जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द
. हाथों-पैरों में सूजन
. तेज सिरदर्द
जीका से बचने के 5 उपायः
-इस वायरस से बचने के लिए मच्छरों से खुद का बचाव करें। शरीर को कपड़ों से पूरी तरह से ढक कर रखें और गहरे रंग के कपड़े न पहनें।
-घरों के आसपास गमले, बाल्टी, कूलर या ऐसी किसी भी जगह पर पानी जमा न होने दें।
-बुखार, गले में दर्द, जोड़ों में दर्द, आंखें लाल होने जैसे लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
-अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन करें और साथ ही भरपूर आराम भी करें।
-मच्छरों से बचने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें और बैड के आस-पास नेट लगाएं।
-सुबह-शाम बग-स्प्रे या मोस्कीटो किलर का इस्तेमाल करें।
-जीका वायरस की चपेट में आए देशों की यात्रा ना करें। खासकर प्रेग्नेंट महिलाएं ऐसी जगहों पर सफर ना करें।
-अगर 2 हफ्तों से ज्यादा बुखार रहे तो एक बार टेस्ट जरूर करवाएं।
जीका वायरस के लिए अभी तक कोई वायरस व इलाज मौजूद नहीं है इसलिए जितना हो सकें खुद का बचाव करें। साथ ही लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से चेकअप करवाएं।

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