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फेफड़ों में पानी भरना है इस बीमारी का संकेत, जानें कैसे करें बचाव

क्या आपको सांस लेने में परेशानी, छाती में तेज दर्द या खांसी के साथ खून आने की दिक्कत हो रही हैं? अगर हां तो यह पल्मोनरी एडिमा यानि फेफड़ों में पानी भरने का संकेत हो सकता है। इस बीमारी में लंग्स के अंदर पानी इकट्ठा हो जाता है जिससे फेफड़ों में सूजन आ जाती है। चलिए आपको बताते हैं कि क्या है यह बीमारी और कैसे किया जा सकता है इसका इलाज…
कैसे होता है पल्मोनरी एडिमा?
फेफड़ों में बहुत से छोटे-छोटे वायुकोश होते हैं, जिन्हें अल्वेओली कहा जाता है। शरीर के अंदर जाने वाली ऑक्सीजन खून में मिलकर पल्मोनरी धमनी के जरिए दिल तक जाती है और इससे पूरी बॉडी को ऑक्सीजन मिलती है। शरीर में ऑक्सीजन पहुंचने की सामान्य क्रिया लेकिन जो पल्मोनरी एडिमा में ऐसा नहीं होता क्योंकि वायुकोश में हवा की जगह तरल पदार्थ भर जाता है। इसके कारण ऑक्सीजन खून में मिल नहीं पाता और शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।
इन कारणों से होता है पल्मोनरी एडिमा
सबसे पहले हम आपको बता दें कि छाती में सामान्य-सी चोट लगने, निमेनिया, कुछ टॉक्सिन, दवाईयों के सेवन, गलत व्यायाम से फेफड़ों में पानी भर जाता है। इसके अलावा और भी कई कारण है जो इस बीमारी का कारण बन सकता है जैसे…
-ड्रग्स जैसे- हेरोइन और कोकीन लेने से
-ऊंचाई पर जाने से भी यह समस्या हो सकती है।
-वायरल इंफेक्शन जैसे हन्टावायरस और डेंगू के कारण
-फेफड़ों में चोट लगने के कारण
-जिन लोगों की फेफड़ों से तरल पदार्थ निकालने के लिए सर्जरी हुई हो
पल्मोनरी एडिमा के कारण होती हैं ये समस्याएं
-हाथ-पैरों के निचले भागों और पेट में सूजन
-फेफड़ों के चारों तरह की झिल्लियों में लिक्विड भर जाना
-लिवर में असामान्य तरीके से सूजन
-खून का असाधारण जमाव होना
पल्मोनरी एडिमा में दिखते हैं ये लक्षण…
-सांस लेने में तकलीफ और बलगम में खून आना
-सीने में दर्द और अचानक ही बहुत तेजी से सांस लेना
-सांस लेने पर घरघराहट की आवाज आना।
-हल्का काम करने में तुरंत हांफ जाना।
-बहुत ज्यादा पसीना आना।
-त्वचा का रंग नीला या हल्का भूरा होना।
-ब्लड प्रेशर कम होना और चक्कर आना।
-कमजोरी महसूस होना।
जांच के तरीके
सबसे पहले छाती का एक्स-रे कर कर जांच की जाती है। इसके अलावा पल्स ओक्सिमेट्री परीक्षण के जरिए भी इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है। इसमें डॉक्टर रोगी की उंगलियों या कान पर एक सेंसर लगा देता है, जिससे निकलने वाली किरणें खून में मौजूद ऑक्सीजन की मात्रा का पता लगाती है।हर किसी में उपचार का तरीका अलग
पल्मोनरी एडिमा बहुत ही घातक बीमारी है लेकिन सही तरीके से पल्मोनरी एडिमा का उपचार करने पर इससे निजात पाई जा सकती है। हालाकि हर रोगी में पल्मोनरी एडिमा का उपचार अलग-अलग तरीके से किया जाता है। यह इस पर निर्भर करता है कि रोगी में पल्मोनरी एडिमा होने का कारण क्या है।
कैसे करें बचाव?
डॉक्टरी इलाज के साथ-साथ आप कुछ टिप्स अपना इस बीमारी को दूर भगा सकते हैं जैसे…
ब्लड प्रेशर कंट्रोल करें
हाई ब्लड प्रेशर के कारण इसका खतरा बढ़ जाता है इसलिए रक्तचाप पर कंट्रोल करें। इसके लिए आप दवाइयों के साथ घरेलू नुस्खे भी अपना सकते हैं।
वजन कंट्रोल करें
स्वस्थ रहनेके लिए सबसे जरूरी है वजन पर कंट्रोल रखना। इसके लिए रोजाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें। साथ ही हैल्दी डाइट लें और अनहैल्दी चीजों से दूर रहें।
ग्लूकोज नियंत्रण में रखें
अगर आप डायबिटीज पेशेंट है तो ग्लूकोज लेवल कंट्रोल करें। इसके लिए सही डाइट लें, जंक फूड्स, नशीली चीजों से दूर रहें, ऊंचाई पर जाने से बचे, एक्सरसाइज करें और खूब सारा पानी पीएं। साथ ही किसी भी तरह की चीज की एलर्जी से बचें जिससे सांस की तकलीफ बढ़ सकती है।
धूम्रपान न करे
धूम्रपान करने से पल्मोनरी एडिमा की सम्भावना बढ़ जाती है इसलिए बेहतर होगा कि आप इससे दूर रहें।
हैल्दी डाइट लें
खान-पान पर ध्यान दें। डाइट में खूब सारे फल, हरी सब्जियां, बीन्स, साबुत अनाज और दूध आदि शामिल करें।

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