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Navratri 2019 : जानिए मासिक धर्म के दौरान महिलाएं किस प्रकार करें नवरात्रि का व्रत और किन नियमों का करें पालन

Navratri 2019: नवरात्रि में घर -घर में मां दुर्गा की स्थापना और पूजन किया जाता है। इस दौरान लोग मां की भक्ति में पूरी तरह से लीन हो जाते है। नवरात्रि में लोग मां दुर्गा के लिए विशेषकर महिलाएं इस दौरान व्रत अवश्य रखती हैं। लेकिन कुछ महिलाओं को नवरात्रि के दौरान मासिक धर्म आ जाते हैं। जिसकी वजह से वह दुविधा में पड़ जाती हैं कि उन्हें व्रत रखने चाहिए कि नहीं। क्योंकि शास्त्रों में मासिक धर्म को लेकर कई मान्यताएं हैं तो आइए जानते हैं कि मासिक धर्म के दौरान महिलाएं किस प्रकार नवरात्रि का व्रत रख सकती है और किन नियमों का पालन कर सकती है।

महिलाओं को मासिक धर्म में होने वाली परेशानियां
नवरात्रि को नौ दिनों को लंबा और सबसे पवित्र पर्व माना जाता है। यह पर्व ध्यान साधना तप और पूजन द्वारा आत्मिक शक्ति के विकास के लिए प्रख्यात है। लेकिन एक स्त्री के साथ बहुत अधिक संभावना है कि अट्ठाईस से बत्तीस दिनों के मध्य घटित होने वाला उसका मासिक धर्म इन्हीं नौ दिनों में घटित हो जाए तो महिलाओं के मन में यह प्रसन्न उठता है कि मासिक धर्म के दौरान नवरात्रि में व्रत और पूजन किस प्रकार किया जा सकता है। नवरात्रि के पर्व में घर- घर में घट स्थापना की जाती है और मां दुर्गा की आराधना की जाती है। इस व्रत को ज्यादातर महिलाएं हीं करती है। मासिक धर्म महिलाओं के लिए प्रकृतिक है।

इस चार से सात दिनों के बीच में महिलाओं के अंदर से गंदे खून की सफाई हो जाती है। इसके साथ ही इन दिनों में महिलाओं को दर्द, चक्कर आना,भूख न लगना और कब्ज जैसी शिकायत हो जाती है। अगर आपको ऐसा लगता है कि नवरात्रि के दौरान आपको मासिक धर्म की शिकायत हो सकती है तो पहले तो आपको व्रत रखने ही नहीं चाहिए और यदि आप इस दौरान व्रत रखती भी हैं तो पूरे श्रद्ध और निष्ठा भाव से व्रत को रखें क्योंकि भगवान के लिए भाव और श्रद्धा ही अति महत्वपूर्ण है उसके बाद आती है शरीर की शुद्धि। इसके लिए आप व्रत के सभी नियमों का पालन करें यानी नहाकर स्नान करके पूजा के साफ वस्त्र ही धारण करें।

मासिक धर्म में इस प्रकार रखें महिलाएं नवरात्रि का व्रत
1.अगर आपको नवरात्रि से पहले ही मासिका धर्म की शुरूआत हो चुकी है तो आप नवरात्रि का व्रत न करें।
2. अगर आपने नवरात्रि का व्रत करने का संकल्प ले ही लिया है तो आपको इस समय में आप स्वंय पूजा न करके घर के किसी अन्य सदस्य से पूजा कराएं।
3.इस समय में आपको दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य सुनें। क्योंकि श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ सुनने और पढ़ने का एक ही फल मिलता है।
4. मासिक धर्म के दौरान माता के मंत्रों का मानसिक जाप करें और उनका मानसिक ध्यान करें। क्योंकि ऐसा करने से आपको आपके व्रत के पूर्ण फल प्राप्त होंगे।
5. अगर आप किसी भी मंत्र को पढ़ने में असमर्थ हैं तो आप इस समय में सिर्फ माता का नाम ही ले लें।
6.इस समय में आपको माता का भोग भी किसी और से लगवान चाहिए। आपको स्वंय माता को भोग नहीं लगाना चाहिए।
7.यदि आपने पहला व्रत रख लिया और आपको आखिर व्रत में मासिक धर्म की शिकायत हो गई है तब भी आपको आखिरी व्रत अवश्य रखना चाहिए और कुछ नियमों का पान करना चाहिए।
8.नवरात्रि में जिस समय आपका मासिक धर्म खत्म हो जाए उस समय नहाकर साफ वस्त्र धारण करके मां भगवती का पूजन करें।
9.उस समय पूजन में उतने ही लोंग के जोड़े चढ़ाएं जितने दिन आपने मां का पूजन न किया हो।
10. नवरात्रि के आखिरी दिन जाने अनजानें में हुई सभी गलतियों के लिए मां से क्षमा याचना अवश्य करें।

मासिक धर्म के दौरान नवरात्रि में इन नियमों का करें पालन
1.अगर आपको नवारात्रि में मासिक धर्म आ गया है तो सबसे पहले तो आपको मंदिर नही जाना
2. इस समय में भगवान के पूजा के बर्तनों को बिल्कुल भी स्पर्श न करें
3,. माता की ज्योति, कलश आदि का भी स्पर्श इस समय में निषेध है
4. नवरात्रि में माता का भोग और प्रसाद को न तो इस समय में बनाना है और न ही स्पर्श करना है
5. नवरात्रि में न तो झूठ बोलें और न ही किसी की निंदा करें
6. अगर आपने नवरात्रि का व्रत रखा है तो आपको एक समय भोजन करना है। लेकिन यह भोजन आपको स्वंय नही बनान है किसी और से ही बनवाना है।
7.इस समय में आपको किसी भी धार्मिक पुस्तक या अन्य चीजो को नही छुना है। लेकिन आप इन किताबों को किसी और के द्वारा सुन सकती हैं।
8.मासिक धर्म के दौरान आपको माता की मूर्ति को भी स्पर्श नहीं करना चाहिए।
9. इस समय में हो सके तो किसी भी धार्मिक क्रियाकलापों में भाग न लें।
10. जिस दिन आपका मासिक धर्म खत्म हो जाए उस दिन मां का पूजन अवश्य करें।

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