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भारी जुर्माने के खिलाफ 40 ट्रांसपोर्ट यूनियनों ने दिल्ली-एनसीआर में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन का किया ऐलान

दिल्ली : ट्रैफिक नियमों की अनदेखी पर भारी जुर्माना, इंश्योरेंस और टैक्स के भारी बोझ के खिलाफ लामबंद 40 ट्रांसपोर्ट यूनियनों ने 16 सितंबर को दिल्ली-एनसीआर में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया है। चेतावनी दी कि यदि राहत नहीं मिलती है तो 19 को देशभर के ट्रांसपोर्टर चक्का जाम करेंगे। सोमवार को यूनाईटेड फोरम ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशंस (यूएफटीए) ने 16 सितंबर को दिल्ली और एनसीआर के ट्रांसपोर्टर की तरफ से परिवहन भवन के बाहर धरना देने का ऐलान किया है। सोमवार को ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के उपाध्यक्ष और यूएफपीए के चेयरमैन हरीश सभरवाल ने प्रेस वार्ता की। उन्होंने बताया कि ट्रांसपोर्टर पर टैक्स और जुर्माने के अलावा भ्रष्ट अधिकारियों का बोझ इतना बढ़ता जा रहा है कि उनके लिए मुश्किलें कई गुना ज्यादा हो गई हैं। देशभर के ट्रांसपोर्टर को राहत देने की मांग को लेकर जुर्माने की बढ़ाई गई राशि में कमी करने सहित बुनियादी व्यवस्थाओं में सुधार की भी मांग रखेंगे। यदि विदेश की तर्ज पर टैक्स या जुर्माना किया जाता है तो इसके लिए बुनियादी सुविधाएं, आर्थिक स्थिति और जनसंख्या को भी देखा जाना चाहिए। एसोसिएशन के प्रेजीडेंट कुलचरण अटवाल ने बताया कि मांगें नहीं मानी जाती हैं तो भारी नुकसान का सामना कर रहे ट्रांसपोर्टर 19 को देशभर में चक्का जाम करेंगे। इस दौरान उत्तराखंड में भी चार धाम यात्रा के लिए वाहनों का आवागमन भी पूरी तरह बंद रहेगा। पार्किंग, जुर्माना में बढ़ोतरी सहित कई और तरह का आर्थिक बोझ ट्रांसपोर्टर पर बढ़ता जा रहा है। इन हालात में तो छोटे ट्रांसपोर्टर को अपना कारोबार बंद करना पड़ेगा। इस मौके पर ऑटो, टैक्सी, कैब यूनियन के प्रतिनिधियों ने भी जुर्माने की राशि बढ़ाने के साथ-साथ इसकी आड़ में ट्रैफिक पुलिस पर प्रताड़ित करने के भी आरोप लगाए हैं। इंडियन टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन के सतीश सहरावत का कहना है कि ट्रैफिक नियमों के मुताबिक जुर्माना किया जा रहा है, लेकिन कार्रवाई करने वालों पर भी निगरानी रखने की जरूरत है।

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