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बिल्डर्स पर कसेगा शिकंजा, रेरा को और मजबूत करने की तैयारी में सरकार

नई दिल्ली : आवास एवं शहरी मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि अगर जरूरत हुई तो सरकार रियल एस्टेट कानून रेरा को अधिक प्रभावी बनाने के लिए इसमें संशोधन पर विचार कर सकती है। नारेडको (नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल) के सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय जल्दी ही किराएदारी कानून के मॉडल को मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष रखेगा। उसके बाद उसे राज्यों को भेजा जाएगा। सचिव ने कहा कि मई 2017 से लागू रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) कानून 2016 क्षेत्र के लिये सम्मान लेकर आया है जबकि पहले इस क्षेत्र को कालाधन और बिना कायदे कानून वाले क्षेत्र के तौर पर जाना जाता था।

उन्होंने कहा कि केंद्र सभी राज्यों में रेरा के क्रियान्वयन को लेकर संबद्ध पक्षों के साथ विचार विमर्श करेगा। मिश्र ने कहा कि अगर जरूरत हुई तो सरकार इसे अधिक प्रभावी बनाने के लिए इसमें संशोधन करेगी। एक आदर्श किराएदारी कानून के बारे में उन्होंने कहा कि मसौदे को वेबसाइट पर डाला गया है और 500 से अधिक सुझाव प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा,‘‘हम जल्दी ही इसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष रखेंगे। उसके बाद मॉडल कानून को विचार के लिए राज्यों को भेजा जाएगा।श्श् सचिव ने कहा कि ज्यादातर किराएदारी कानून किराएदार के पक्ष में है न कि मकान मालिकों के। इसके कारण फ्लैट मालिक अपने मकान को किराये पर नहीं देना चाहते। उन्होंने कहा कि 2011 के सर्वे के अनुसार 1.1 करोड़ मकान खाली पड़े थे। मिश्र ने कहा कि प्रस्तावित मॉडल किराएदारी कानून से मकानों को किराए पर देने में तेजी आएगी। उन्होंने बिल्डरों से बिना बिके फ्लैट को किराए पर देने के बारे में विचार करने को कहा।

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