नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में धारा 144 लगने और इंटरनेट बैन होने के बाद भी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी द्वारा ट्वीट कीए जानें के मामले में दो बीएसएनएल अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। संचार सेवा पर केंन्द्र सरकार द्वारा रोक के बावजूद गिलानी को इंटरनेट एक्सेस उपलव्ध करवाने के मामले में दो बीएसएनएल अधिकारीयों पर गाज गिरी है। परन्तु बावजूद इसके कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के पास लैंडलाइन और इंटरनेट सेवा 8 दिनों तक चालू रही थी। अधिकारियों को तो इस बात का पता भी नहीं चल पाया था कि गिलानी कश्मीर में इंटरनेट एक्सेस कर रहे हैं।
इसका खुलासा तब हुआ जब उन्होंने अपने अकाउंट से ट्वीट किया।हालांकि इस मामले में जांच शुरू कर दी गई थी कि गिलानी कैसे इंटरनेट और लैंडलाइन सुविधा पाने में सक्षम रहे थे। वहीं इसी मामले में बीएसएनएल ने अपने दो अधिकारियों को निलंबित किया है। दरअसल गिलानी ट्वीट के माध्यम से लगातार भारत विरोधी पोस्ट करते रहे हैं। सोशल साइट्स के कई यूजर्स तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से गिलानी को पाकिस्तान में भेज देने तक की मांग कर चुके हैं। आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले के चलते घाटी में सुरक्षा की दृष्टी से इंटरनेट और फोन सेवा पर पूर्ण पाबंदी लगा दी गई थी। यह पाबंदी घाटी में 4 अगस्त से लगाई गई थी।