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इमोशन भी दिखाते हैं शरीर पर असर, बॉडी पार्ट पर पड़ता है इफेक्ट

भावनाओं के बिना इंसानी जीवन का कोई अर्थ नहीं है। ऐसा इंसान जिसके दिल में प्रेम या सहानुभूति न हो, उसे एक जीवित लाश कहने में कोई गुर्रेज नहीं है। हमारा शरीर और मस्तिष्क बहुत हद तक एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करते हैं। यही वजह है कि हमारी भावनाएं हमारे शरीर के अंगों को अलग-अलग तरह से प्रभावित करती हैं।
भावनाओं से जुड़े हैं अंग
उदाहरण के लिए आपका दिल, खुशी और गम जैसी भावनाओं पर चलता है, आपके फेफड़े दुख और परेशानी से, आपका लिवर क्रोध से, गुर्दे का संबंध डर से है और अपका पेट इन सभी से संबंधित हैं। इसका मतलब आप अपना स्वभाव जैसा रखेंगे उसका असर आपके शरीर के अंगो पर ही पड़ेगा। तो चलिए अब जानते हैं आखिर किस तरह भावनाएं प्रभावित करती हैं शारीरिक अंग।
क्रोध का एक पल
कहते हैं एक पल का क्रोध आपका भविष्य बिगाड़ सकता है। शारीरिक तौर पर अधिक गुस्सा करने का सबसे अधिक प्रभाव हमारे लिवर पर पड़ता है। क्रोध ऐसी भावना है जो जनरलाइज्डए एंग्जालयटी डिस्ऑरर्डर (जीएडी) को और ज्यादा बिगाड़ देती है। क्रोध हमेशा बेचैनी के कारण शरीर पर हावी होता हैअधिक चिंता
अधिक चिंता करने वालों का पेट अक्सर या तो खराब रहता है या फिर उन्हें कब्ज की प्रॉब्लम रहती है। दोनों ही समस्याएं आगे चलकर बड़ी बीमारियों का रुप लेती हैं। पेट खराब रहने से जहां कमजोरी और बेचैनी होती है वहीं कब्ज,कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बनती है।
तनाव
अगर आप लंबे समय से किसी भी प्रकार के तनाव से गुजर रहे हैं या एक लंबे दौर से आप सिर्फ और सिर्फ नकारात्मक विचार ही रख रहे हैं तो इसका असर आपके शरीर के महत्वपूर्ण अंगों जैसे किडनी और फेफड़ों पर पड़ता है। ज्यादा तनाव दिल और दिमाग पर भारी पड़ता है।
कॉर्टिसल नाम का स्ट्रेस हार्मोन वैसे तो शरीर के लिए बहुत जरूरी है, इसकी सहायता से शरीर की कई क्रियाओं को नियंत्रित किया जा सकता है जैसे रोग प्रतिरोधक क्षमता, प्रजनन क्षमता और पाचन क्षमता को बढ़ाना लेकिन अगर कोई लंबे समय तक तनाव में रहता है तो शरीर में कॉर्टिसल की मात्रा बढ़ जाती है तो इसकी वजह से शरीर का शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।
इन सब प्रॉबल्मस से दूर रहने का तरीका…
हमारे इर्द-गिर्द दिन भर में ऐसे पचासों काम होते हैं जिस वजह से हमें चिड़चिड़पन महसूस होता है, यह चिड़चिड़पन बस एक मिनट के लिए ही हमारा परीक्षण करने आया होता है। ऐसे में यदि आप गुस्सा करने की बजाय इस पल को समझ के सात टैकल करें। इससे आपका शरीर स्वस्थ रहने के साथ-साथ समाज में आपका मान-सम्मान भी बढ़ाएगा। इतना खुश रहे कि आपका शरीर मानसिक और शारीरिक तल पर सदा खुशहाल बना रहे।

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