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जीवन में शनि दोष से संबंधित आ रही परेशानियां होंगी दूर, करें इन चमत्कारी धाम के दर्शन

कर्म के देवता शनि को समर्पित है शनिवार का दिन। इस दिन शनिदेव की विधि—विधान से पूजा करने पर शनि से संबंधित दोष दूर हो जाते हैं और उनकी कृपा बरसती है। हालांकि जीवन में शनि दोष से संबंधित आ रही परेशानियों को दूर करने के लिए श्री हनुमान जी और पीपल की पूजा का भी विधान है। मान्यता है कि शनिदेव यदि प्रसन्न हो जाएं तो रंक को राजा बना देते हैं और वहीं अगर नाराज हो जाएं तो राजा को भिखारी बनाने में देर नहीं लगाते हैं। भारत में कई ऐसे शनि के मंदिर हैं, जहां दर्शन करने मात्र से ही शनि दोष दूर होता है और शनि कृपा प्राप्त होती है।
शनि शिंगणापुर, महाराष्ट्र
यह शनि भक्तों की आस्था का प्रमुख धाम है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित है शनि का शिंगणापुर धाम। यहां शनि महाराज की कोई मूर्ति नहीं बल्कि एक बड़ा सा काला पत्थर है, जिसे शनि का विग्रह रूप माना जाता है। यहां शनिदेव की पाषाण प्रतिमा एक चबूतरे पर स्थापित है। शनि की माया से यह गांव एक चमत्कारी गांव में परिवर्तित हो चुका है, यहां आज भी शनि की माया देखी जा सकती है। जिसके कारण आज भी गांव के घर बिना दरवाजे के है। इस गांव को लेकर मान्यता है कि यहां चोरी नहीं हो सकती है, ये प्रतिमा लगभग पांच फीट नौ इंच ऊंची व एक फीट छह इंच चौड़ी है।शनि मंदिर, उज्जैन
तीर्थ नगरी उज्जैन को मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी भी कह सकते हैं। मंदिरों की इस नगरी में क्षिप्रा नदी (जिसे त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है) के तट पर नवग्रह शनि मंदिर है, जो कि यहां का प्रमुख दर्शनीय स्थल है। इस मंदिर को लेकर खास बात यह है कि यहां शनि देव अन्य ग्रहों के साथ विराजमान है। जिस कारण इस मंदिर को नवग्रह मंदिर भी कहा जाता है। मान्यता है कि मात्र इस मंदिर के दर्शन से ही शनि की कुदृष्टि और ग्रहों के प्रकोप शांत हो जाते है। यहां दूर-दूर से भक्त शनि और अन्य ग्रहों के दर्शन के लिए आते हैं। यह देश का पहला ऐसा मंदिर है, जहां शिव के रूप में शनि विराजित हैं। लोग अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए शनि के ऊपर तेल चढ़ाते हैं।
शनि मंदिर, इंदौर
इंदौर मध्यप्रदेश के प्रमुख शहरों में से एक है। यहां पर न्याय के देवता भगवान शनि का एक खास मंदिर है। इस मंदिर को शनि देव के अन्य मंदिरों से अलग माना जाता है क्योंकि इस मंदिर में भगवान शनि का 16 श्रृंगार होता है। भगवान शनिदेव का यह मंदिर है, अपनी प्राचीनता और चमत्कारी किस्सों के लिए भक्तों के बीच प्रसिद्ध है। भारत में शनिदेव के लगभग जितने भी मंदिर है, वहां भगवान शनि काले पत्थर के रूप भक्तों को दर्शन देते हैं। लेकिन इस मंदिर में शनिदेव का आकर्षक श्रृंगार किया जाता है। उन्हें रोज शाही कपड़े पहनाए जाते हैं। इस मंदिर में शनि देव बहुत ही सुंदर रूप में भक्तों को दर्शन देते है।
शनिश्चरा मंदिर, मुरैना
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में शनिदेव का प्राचीन मंदिर है। यहां शनि का एक पिंड मौजूद है, जिसको लेकर यह मान्यता है कि भगवान हनुमान ने इसे लंका से फेंका था, जो यहां आकर गिरा। तभी से भगवान शनि यहां पर विराजमान हैं। यहां शनिदेव को तेल अर्पित करने के बाद गले मिलने की प्रथा भी है। यहां जो भी भक्त आता है, वह बड़े प्यार से शनि देव से गले मिलकर अपनी तकलीफें उनसे बांटता है। कहा जाता है कि ऐसा करने से शनि उस व्यक्ति की सारी तकलीफें दूर कर देते हैं।
शनि मंदिर, कोसीकलां
यह मंदिर उत्तर प्रदेश में ब्रजमंडल के कोसीकलां गांव के पास स्थित है। यह शनि मंदिर भारत के प्राचीन शनि मंदिरों में से एक है। इस जगह को लेकर लोगों की मान्यता है कि यहां खुद भगवान श्रीकृष्ण ने शनिदेव को दर्शन दिए थे। जिसका वर्णन गीता में मिलता है। इस जगह को लेकर मान्यता है कि जो भक्त श्रद्धाभक्ति के साथ इस वन की परिक्रमा करता है, उसे भगवान शनि कभी कष्ट नहीं पहुंचाते। जिन लोगों पर शनि का अशुभ प्रभाव हो, वे यदि यहां आकर इस मंदिर के दर्शन करें तो भगवान शनि उन पर प्रसन्न हो जाते हैं और उन्हें उनके कष्टों से राहत मिलती है।

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