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वेंकैया नायडू ने एग्जिट पोल के नतीजों को ठहराया गलत, 23 मई तक इंतजार करने की दी सलाह

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को एग्जिट पोल के बारे में कहा कि ये वास्तविक परिणाम नहीं हैं. उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘एक्जिट पोल वास्तविक परिणाम नहीं होते. हमें यह समझना चाहिए. 1999 से अधिकतर एक्जिट पोल गलत हुए.’ नायडू ने गुंटुर में शुभचिंतकों को अनौपचारिक बैठक में संबोधित किया. मौजूदा आम चुनाव का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि हर पार्टी (अपनी जीत के बारे में) आश्वस्त रहती है. उन्होंने कहा, ‘(मतगणना के दिन) 23 तारीख तक हर कोई अपने आत्मविश्वास का प्रदर्शन करता है. इसका कोई आधार नहीं होता. इसलिए हमें 23 तक इंतजार करना चाहिए.’ नायडू ने कहा, ‘देश और राज्य को एक कुशल नेता और स्थिर सरकार की जरूरत होती है, चाहे जो हो. बस इतना ही.’

उपराष्ट्रपति ने कहा कि समाज में बदलाव राजनीतिक दलों में बदलाव के साथ होना चाहिए.’ बता दें, सभी एग्जिट पोल्स को मिलाकर पोल ऑफ पोल्स बनाया. पोल ऑफ पोल्स के अनुसार केंद्र में एक बार फिर मोदी सरकार की वापसी हो रही है. पोल ऑफ पोल्स के अनुसार बीजेपी गठबंधन को 300 से अधिक सीटें मिलती दिख रही हैं. वहीं, यूपीए 122 और अन्य 118 सीटों पर सिमटते दिख रहे हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 435 सीटों पर लड़ी है और बाकी सीटें उसने सहयोगियों के साथ बांटी हैं. जबकि कांग्रेस कुल 420 सीटों पर चुनाव लड़ी है. बीजेपी की अगुवाई में एनडीए में इस बार 21 पार्टियां शामिल हैं. बिहार में उसको नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के आने से मजबूती मिली है और वोट प्रतिशत के हिसाब से उसका पलड़ा भारी है. वहीं यूपीए में इस बार कांग्रेस की अगुवाई में 25 पार्टियां शामिल हैं.

एग्जिट पोल के नतीजे:-
बिहार : यहां नीतीश कुमार की पार्टी के साथ गठबंधन का फायदा एनडीए को मिलता दिख रहा है. एनडीए को 40 में से 32 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है वहीं महागठबंधन यानी आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन को 8 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं. पिछले चुनाव की बात करें तो बिहार में भाजपा ने अकेले 31 सीटें जीती थीं जबकि राजद के पास 4 सीटें थीं. कांग्रेस और जदयू के पास दो-दो सीटें थीं और एनसीपी ने एक सीट जीती थी. 2014 में नीतीश की पार्टी एनडीए का हिस्‍सा नहीं थी.

उत्तर प्रदेश : बीजेपी+ अपना दल गठबंधन को 80 में से 49 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं. वहीं सपा-बसपा और आरएलडी को 29 सीटें मिल सकती हैं. जबकि कांग्रेस को केवल 2 सीटें मिलने का अनुमान है. उत्तर प्रदेश में पिछली बार बीजेपी की अगुवाई में एनडीए को 73 सीटें मिली थीं जिनमें 71 बीजेपी के पास और 2 अपना दल को मिली थीं. इस बार सपा-बसपा और आरएलएडी ने मिलकर चुनाव लड़ा है. इस गठबंधन में यूपी में तीन उपचुनाव जीते हैं. कांग्रेस यहां अकेले चुनाव लड़ी है.

महाराष्ट्र : महाराष्ट्र की 48 सीटों में से बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को 36 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. वहीं कांग्रेस+एनसीपी को 11 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं. वहीं 1 सीट अन्‍य के खाते में जा सकती है. महाराष्ट्र में बीजेपी, शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा है जबकि उसे आरपीआई का भी समर्थन प्राप्‍त है. वहीं कांग्रेस ने एनसीपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है.

पश्चिम बंगाल : पश्चिम बंगाल के लिए एग्जिट पोल के नतीजे सबसे ज्‍यादा चौंकाने वाले हैं. पहले वाम दलों का और अब ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के गढ़ बंगाल में बीजेपी जबरदस्‍त रूप से सेंध लगाती दिख रही है. Poll of Exit Polls के अनुसार राज्‍य की 42 सीटों में से टीएमसी को 26 सीटें मिलने का अनुमान है जबकि पिछले चुनाव में पार्टी ने 34 सीटें जीती थीं. वहीं पिछले चुनाव में केवल 2 सीट जीतने वाली बीजेपी इस बार 14 सीट जीत सकती है. कांग्रेस को कवल 2 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं. वाम दल जिन्‍होंने राज्‍य में 30 साल से भी ज्‍यादा समय तक शासन किया, उनका खाता खुलना भी मुश्किल दिख रहा है.

मध्य प्रदेश : पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में राज्‍य की सत्ता गंवाने के बावजूद यहां बीजेपी को 29 में से 24 लोगसभी सीटें मिलने का अनुमान है जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस को 5 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं. मध्य प्रदेश में मुख्य लड़ाई कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही है. यहां कांग्रेस को बीएसपी और सपा का समर्थन है.

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