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शारदा चिटफंड घोटाला: ममता बनर्जी के करीबी अफसर राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर लगी अंतरिम रोक हटी

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की करीबी अफसर और कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर लगी अंतरिम रोक सुप्रीम कोर्ट ने हटा ली है. लेकिन अंग्रिम जमानत के लिए कोर्ट जाने के लिए सात दिन का समय दिया है. तब तक राजीव कुमार को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. दरअसल सीबीआई ने शारदा चिट फंड घोटाले में सबूतों को छिपाने के मामले में उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ करने की इजाजत मांगी है और पांच फरवरी के आदेश को वापस लेने की मांग की जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई है. 2 मई को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने फैसला सुरक्षित रखा था.

सुनवाई के दौरान सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि कोलकाता के पूर्व कमिश्नर को मिली राहत को खत्म किया जाए. सीबीआई ने कहा कि ये बात सिर्फ़ राजीव कुमार की नही है बल्कि शारदा चिट फंड घोटाले में जो भी शामिल है उनसे पूछताछ करना ज़रूरी है. सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘बंगाल सरकार और पुलिस हमारी ये छवि बनाना चाह रही है कि सीबीआई सिर्फ हवाहवाई बातें कर रही है. मानो सीबीआई का मकसद सिर्फ राजीव कुमार को दबोचना है और जांच से हमें कोई लेना-देना ही नहीं है. इस मामले में हम सिर्फ हवाई किले बना रहे हैं. जबकि सच्चाई ये है कि राजीव कुमार के अलावा अन्य चार अधिकारियों को भी हमने पूछताछ के लिए नोटिस भेज रखा है.

CBI ने कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के खिलाफ सीलकवर में कुछ दस्तावेज और केस डायरी सुप्रीम कोर्ट को दी और यह दावा किया कि घोटाले की तह तक जाने के लिए एजेंसी कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है. पीठ के सामने CBI की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस केस के महत्वपूर्ण सबूत मोबाइल फोन और लैपटॉप राजीव कुमार के निर्देश पर आरोपियों को वापस दिए गए और ये सबूत नष्ट करने के समान है. उन्होंने मोबाइल और लैपटॉप पर जांच एजेंसी के सामने जांच अधिकारी के बयान का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि राजीव कुमार पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं और उनकी हिरासत में पूछताछ जरूरी है.

वहीं पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने तर्क दिया कि सीबीआई राजनीतिक कारणों से IPS अधिकारी की हिरासत में पूछताछ करना चाहती है. अब तक सबूत नष्ट करने के लिए राजीव कुमार के खिलाफ कोई एफआईआर नहीं की गई. इससे पहले राजीव कुमार से शिलांग में CBI ने करीब 40 घंटे तक पूछताछ की गयी. गौरतलब है कि फरवरी में शारदा चिटफंड घोटाले की जांच को लेकर सीबीआई कोलकाता में पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ के लिए पहुंची थी लेकिन पुलिस ने यहां न सिर्फ सीबीआई को रोक दिया बल्कि सीबीआई के पांच अफसरों को भी हिरासत में लेकर थाने ले गई थी. इसके बाद सीबीआई के खिलाफ ममता बनर्जी धरने पर बैठ गई थीं.

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