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देहरादून में पीएम मोदी की चुनावी जनसभा, राहुल गांधी के चुनावी घोषणा पत्र को राष्ट्रवाद के तीर से भेदेंगे

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देहरादून के परेड ग्राउंड में होने वाली चुनावी जनसभा में राहुल गांधी के चुनावी घोषणा पत्र को राष्ट्रवाद के तीर से भेदेंगे। भाजपा जिस तरह कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र के खिलाफ मुखर है, उससे साफ है कि मोदी राहुल के सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (अफस्पा) हटाने पर पुनर्विचार और देशद्रोह की धारा समाप्त करने के एलान पर गहरी चोट कर सकते हैं। भाजपा मान रही है कि मोदी की जनसभा चुनाव का टर्निंग प्वाइंट साबित होगी। दरअसल, उत्तराखंड सैन्य बहुल प्रदेश है, ऐसे में मोदी कांग्रेस के दोनों वादों को राष्ट्रवाद और सेना विरोधी करार देने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

यह देखने वाली बात है कि मोदी किस तरह से कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ सवाल खड़े करेंगे, जिससे भाजपा का राष्ट्रवादी चेहरा जनता के सामने और निखर कर आए।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उत्तराखंड के परेड ग्राउंड में जनसभा भाजपा के प्रचार को और धार देगी। इससे पहले रुद्रपुर पहुंचकर मोदी ने उत्तराखंड को सैन्य धाम बता सैनिकों का मनोबल बढ़ाने का दांव चला था। इस बीच कांग्रेस ने अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया। कांग्रेस के घोषणा पत्र में दो ऐसे वादे हैं, जिन्हें भाजपा ने मुद्दा बनाया है। कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर में सेना को अफस्पा के तहत विशेष अधिकार पर पुनर्विचार का घोषणा की है। उत्तराखंड की 15 प्रतिशत आबादी सीधे तौर पर सैन्य बलों से जुड़ी है,

ऐसे में भाजपा इसे बड़ा मुद्दा मान रही है। कांग्रेस के इस वादे को सैनिकों का मनोबल गिराने से जोड़कर भाजपा प्रचारित कर रही है। पार्टी के नेताओं को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी अपने संबोधन में इस विषय को प्रमुखता से उठा सकते हैं। कांग्रेस के घोषणा पत्र में दूसरा वादा देशद्रोह की धारा हटाने का है। भाजपा इसे लोकतंत्र के खतरा बता रही है। भाजपा इस मसले को राष्ट्रवाद बनाम राष्ट्रद्रोह बनाने का दांव खेल रही है। ऐसे में पीएम मोदी कांग्रेस के इस वादे पर तीखा हमला बोल सकते हैं। इससे पहले हुई जनसभाओं में उन्होंने इसके खुलकर संकेत भी दिये हैं।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विरेंद्र सिंह बिष्ट का कहना है कि भाजपा सैनिकों का सर्वाधिक सम्मान करती है। राष्ट्र की सुरक्षा प्रधानमंत्री मोदी और पार्टी के लिए सर्वोपरी है। कांग्रेस अगर सैन्य बलों का मनोबल तोड़ने की बात करेगी तो निश्चित है कि उसका करारा जवाब पार्टी का शीर्ष नेतृत्व देगा। कांग्रेस के घोषणा पत्र पर भाजपा जो भी सवाल खड़े कर रही है, उसका जवाब कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मिल सकता है। राहुल 6 को उत्तराखंड में तीन जनसभाएं कर रहे हैं। यह देखना होगा कि राहुल अपने घोषणा पत्र में अफस्फा और देशद्रोह की धारा को लेकर किये वादों को उत्तराखंड से किस तरह जोड़ते हैं। कांग्रेस को उम्मीद है कि राहुल प्रधानमंत्री मोदी के देहरादून जनसभा में उठाए हर मुद्दे पर न केवल स्थिति साफ करेंगे, बल्कि भाजपा को कटघरे में भी खड़ा करेंगे।

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