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कंधे में दर्द और अकड़न से हो जाएं सावधान, डायबिटीज का है संकेत

कई बार बहुत ज्यादा काम करने या फिर ठंड़ के कारण कंधे में दर्द की शिकायत हो जाती है। यह दर्द अलग-अलग तरह का हो सकता है। कई लोग इस अकड़न को जोड़ों का दर्द समझ कर नजरअंदाज कर देते हैं आमतौर पर इस तरह की परेशानी 40 से 60 की उम्र के लोगों को ज्यादा प्रभावित करती है। इसमें कंधे के जोड़ के आसपास के ऊतकों में सूजन और अकड़न महसूस होती है जिससे कंधे को हिलाने में परेशानी और दर्द होता है लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस तरह का दर्द डायबिटीज का संकेत भी हो सकता है।
डायबिटीज का संकेत है कंधे में दर्द
जो लोग डायबिटीज रोग का शिकार हैं उनको शरीर में सूजन, कमजोरी, बहुत ज्यादा भूख लगना और शरीर के कुछ हिस्सों में अकड़न आदि महसूस होती है। इनमें से कंधे की परेशानी आम हैं। इसके अलावा लगातार इस दर्द का बना रहना भी डायबिटीज का शुरूआती संकेत हो सकता है जिससे कंधे में सख्तपन महसूस होता है। डॉक्टर्स का इस बारे में मानना है कि हाई शुगर की बीमारी हड्डियों के निर्माण पर असर डालती है इस कारण कंधे में अकड़न और दर्द बढ़ने लगती है।
फ्रोजन शोल्डर को न करें नजरअंदाज
कंधे के दर्द और अकड़न को फ्रोजन शोल्डर भी कहा जाता है। 40 से ज्यादा उम्र को लोगों में इसका खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। आप भी इस तरह का संकेत महसूस कर रहे हैं तो सावधान हो जाए हो डॉक्टर को जरुर दिखाएं।
कंधे में अकड़न के लक्षण
यह एकदम नहीं बल्कि धीरे-धीरे विकसित होने वाली समस्या है। आमतौर पर इसके तीन तरण होते हैं। जिसे समय पर पहचान कर परेशानी से निजात पाई जा सकती है क्योंकि प्रत्येक चरण कई महीने कर रह सकती है और लगातार बढ़ती जाती है।
पहली अवस्थाः धीरे-धीरे अकड़न होना
यह शुरुआती अवस्था है, इसमें कंधे को हिलाने या लगातार काम करने पर दर्द महसूस होता है। थोड़े आराम या दर्द निवारक दवा से राहत मिल जाती है।
दूसरी अवस्थाः अकड़न के साथ दर्द का बढ़ना
दूसरी स्थिति में दर्द बढ़ने लगता है। जिसमें कंधा हिलाने में भी परेशानी होती है। कई बार तो बाजू जरा-सी ऊपर उठाने या हल्का-फुल्का काम करने पर भी बहुत दर्द महसूस होता है।
तीसरी अवस्थाः शरीर के दूसरे हिस्सों में दर्द
दूसरी अवस्था के बाद नींद की कमी, कैल्शियम की कमी, डायबिटीज, जोड़ों का दर्द, बाजू और गर्दन में दर्द बढ़ने लगता है। कुछ लोगों को रात के समय दर्द ज्यादा होता है।
क्या करना जरूरी?
सबसे पहले डॉक्टरी जांत करवा कर यह जान लेना जरूरी है कि कहीं सच में डायबिटीज का संकेत तो नहीं। इसके बाद अपने खान-पान खास ख्याल रखें, बैलेस डाइट फॉलो करें, मीठे का सेवन कम कर दें,हैल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं, रोजाना सैर, योगा, एक्सरसाइज करते रहें। बढ़ते दर्द से राहत पाने के लिए दवाइयों के साथ-साथ फिजियोथैरेपिस्ट की मदद भी ली जा सकती है।

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