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भारत ने विंडीज़ से दूसरा टेस्ट दस विकेट से जीता एवं दस विकेट लेकर उमेश यादव बने मैन ऑफ़ द मैच

हैदराबाद / लखनऊ : हैदराबाद के उप्पल के राजीव गांधी स्टेडियम में मेजबान भारत ने विंडीज के खिलाफ पिछले कुछ मैचों की परंपरा को बरकरार रखते हुए उसे दूसरे टेस्ट में भी तीन दिन के भीतर दस विकेट से रौंदकर उसका सूपड़ा साफ करते हुए सीरीज पर 2-0 से कब्जा कर लिया. तीसरे दिन के खेल में काफी कुछ अजीब देखने को मिला.पहले तो भारतीय टीम अपनी पहली पारी में उम्मीदों से काफी पहले 367 पर ही ऑलआउट हो गई और वह पहली पारी में सिर्फ 56 रन की ही बढ़त हासिल कर सकी.

विंडीज टीम का दूसरी पारी में नाटकीय पतन देखने को मिला. मेहमान अपनी दूसरी पारी में सिर्फ 127 पर ही ढेर हो गए. इससे भारत को जीत के लिए सिर्फ 72 रन का टारगेट मिला, जो उसने बिना किसी नुकसान के हासिल कर लिया. पृथ्वी शॉ 33 और केएल राहुल भी 33 रन बनाकर नाबाद रहे. मैच में दस विकेट चटकाने वाले मैन ऑफ द मैच, जबकि युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया. खास बात यह रही कि यह भारत की अपनी धरती पर लगातार दसवीं जीत रही.

विंडीज टीम चायकाल पर 76 रन पर छह विकेट गंवाकर संघर्ष कर रही थी. यहां से करोड़ों भारतीयों  की रुचि इसी बात में हो चली थी कि विंडीज कितनी जल्द आउट होता है. और क्या यह मुकाबला चौथे दिन तक तो नहीं जाएगा. बहरहाल, चौथे दिन की जरूरत ही नहीं पड़ी. इन चार विकेटों को जडेजा, अश्विन और उमेश ने मिलकर जल्द ही समेट दिया. उमेश ने दूसरी पारी में 4 सहित मैच में कुल दस विकेट चटकाए. यहां से भारत को जीतने के लिए 72 का टारगेट मिला. पांच बजने के बाद अंपायरों ने नियमानुसार मैच को आधा घंटा बढ़ाने का फैसला किया. दूसरी पारी में 12 ओवर होने के बाद मैच को आधा घंटा आगे बढ़ाया गया. यहां से भारत को जीत के लिए सिर्फ 14 रन बनाने थे, जो उसने अगले 4.1 ओवर में आसानी से बना लिए. शुरुआत में होल्डर की एक बाउंसर लेफ्ट करने की कोशिश में पृथ्वी के हेलमेट पर जा टकराई. इसके चलते यह युवा बल्लेबाज थोड़ा अहज दिखाई पड़ा, लेकिन पृथ्वी ने हिम्मत नहीं हारी. और केएल राहुल के साथ मिलकर मैच जिताकर ही  वापस लौटे.

टीम इंडिया ने पहली पारी में 56 रन की बढ़त हासिल की. और जब लंच के बाद विंडीज की दूसरी पारी शुरू हुई, तो शुरुआत में ही मेहमानों को जोर के झटके लगे. उसके दोनों ओपनरों ग्रेग ब्रैथवेट (0) और कीरेन पॉवेल (0) खाता भी नहीं खेल सके. ब्रैथवेट को उमेश ने पंत के हाथों लपकवाया, तो पॉवेल को अश्विन की गेंद पर स्लिप में अजिंक्य रहाणे ने लपका. पता ही नहीं चला कि कब देखते ही देखते सिर्फ छह रन ही विंडीज के दोनों ओपनर पवेलियन लौट गए. कुछ देर शाई होप (28) और हेतमायर (17) ने पिच पर टिकने का एहसास कराया. जडेजा और कुलदीप ने सिर्फ पांच गेंदों के भीतर ही होप और हेतमायर की उम्मीदों को धता बताते हुए उन्हें पवेलियन का टिकट थमा दिया. और अगर इस पर भी कुछ कसर बाकी बची थी, तो वह उमेश यादव ने पूरी कर दी. उमेश यादव ने पहली पारी के शतकवीर रोस्टन चेज (6) और विकेटकीपर डोवरिच (0) दोनों की गिल्लियां बिखरते हुए विंडीज कोे हिलाकर रख दिया. पहली पारी में छह विकेट चटकाने वाले उमेश यादव एक समय उमेश यादव हैट्रिक पर थे, लेकिन वह इससे चूक गए. इसके बाद अगले छह रन और चायकाल तक 6 विकेट पर 76 रन तक विंडीज ने और कोई झटका नहीं लगने दिया. लेकिन टी तक उमेश यादव ने तीन विकेट चटकाकर यह भरोसा दिया कि वह दूसरी पारी में भी पांच विकेट चटका सकते हैं.

सुनील गावस्कर ने मैच से पहले पिच के बारे में कहा था कि रोलर ने मीडिया  पेसरों की विकेट चटकाने की संभावना को खत्म कर दिया है. और पिच में क्रैक्स दिखाई पड़ रहे हैं. लेकिन विंडीज कप्तान जैसन होल्डर ने सनी की इस भविष्यवाणी को गलत साबित किया. होल्डर ने कुलदीप यादव  को बोल्ड कर अपना पांचवां विकेट लिया. होल्डर ने करियर में पांचवीं बार पांच विकेट चटकाए. एक समय ऐसा लग रहा था कि भारतीय पारी बस सिमटने ही जा रही है. लेकिन एक छोर पर अश्विन ने विंडीज गेंदबाजों से लोहा लेना जारी रखा. उन्होंने नंबर-11 बल्लेबाज शार्दुल ठाकुर के साथ आखिरी विकेट के लिए 28 रन जोड़ते हुए भारत को किसी तरह 56 रन की बढ़त दिला दी.

करोड़ों भारतीय क्रिकेटप्रेमियों का जायका शुरुआती आधे घंटे में ही बिगड़  गया. ये प्रशंसक उम्मीद कर चल रहे थे कि शनिवार के नाबाद बल्लेबाज ऋषभ पंत और अजिंक्य रहाणे स्कोर को और आगे लेकर जाएंगे. लेकिन दिन के तीसरे ही ओवर में विंडीज कप्तान  जैसन होल्डर ने अजिंक्य रहाणे (80) को जलता कर दिया. भारतीय प्रशंसक इस झटके से संभले भी नहीं थे कि ठीक एक गेंद बाद और सिर्फ तीन गेंदों के भीतर होल्डर ने रवींद्र जडेजा (0) के रूप में मेजबानों को एक और झटका दिया, जब वह फ्लिक करने की कोशिश में एलबीडब्ल्यू करार दिए गए. लगे दो झटकों से ऋषभ पंत का अंदाज बदला और वह थोड़े डिफेंसिव हुए. लेकिन जडेजा के आउट होने के करीब तीन ओवर बात पंत ने हाथ खोलने की कोशिश की. और गैब्रियल की गेंद पर उनका बैकफुट पंच हवा में गया, तो शिमरोन हेतमेयर ने लपकने में गलती नहीं की और राजकोट की तरह ऋषभ पंत एक बार फिर से नर्वस नाइंटीज का शिकार तो ही गए, साथ ही भारत का विशाल बढ़त लेने का सपना भी उनके आउट होने के साथ ही चूर हो गया.

 

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