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कैलाश मानसरोवर यात्रा से लौट रहे 180 यात्री नेपाल के हुमला जिले फसे, बचाव अभियान जारी है

लखनऊ :पवित्र मानसरोवर की तीर्थयात्रा कर लौट रहे लगभग 180 भारतीय तीर्थयात्री खराब मौसम के कारण नेपाल के हुमला जिले में फंस गए हैं. आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी. भारतीय दूतावास ने कहा कि यह संख्या ज्यादा नहीं है और वहां फंसे लोगों को निकालने के लिए सिर्फ एक दिन अच्छे मौसम की जरूरत है जब सामान्य बचाव अभियान चलाया जा सके. दूतावास ने पुष्टि की कि ये लोग हुमला के जिला मुख्यालय सिमिकोट और नेपाल-चीन सीमा पर स्थित हिलसा में फंसे हैं.

124 लोग सिमिकोट तथा 50 लोग  वाले रास्ते में फंसे 
दूतावास ने बताया कि शनिवार शाम दोनों स्थानों पर हुई गिनती में खुलासा हुआ कि 124 लोग सिमिकोट तथा 50 लोग हिलसा या हिलसा जाने वाले रास्ते में फंसे हैं. खराब मौसम के कारण फंसे भारतीयों को हिलसा से सिमिकोट और सिमिकोट से नेपालगंज पहुंचाना मुश्किल है. यहां से भारत के उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का रास्ता मात्र चार घंटे का है.जुलाई में 2,000 भारतीय तीर्थयात्री फंस गए थे
जुलाई में 2,000 भारतीय तीर्थयात्री फंस गए थे, लेकिन उन्हें वायुमार्ग से सुरक्षित निकाल लिया गया था. मानसरोवर तीर्थयात्रा के लिए दूरी और सुविधा को ध्यान में रखते हुए नेपाल भारतीय तीर्थयात्रियों का पसंदीदा स्थान है. दूतावास ने कहा कि सिमिकोट में 500 तीर्थयात्रियों के रहने और खाने-पीने की व्यवस्था है.यहां उनके लिए स्वास्थ्य और प्राथमिक उपचार की सुविधा है. दूतावास के अनुसार, शनिवार से हुमला में फंसे यात्रियों ने कोई शिकायत नहीं की है. इसके अनुसार, सिमिकोट, हिलसा, नेपालगंज में दूतावास के प्रतिनिधि सतर्क हैं और स्थिति का मुआयना कर रहे हैं. दूतावास आपातस्थिति में सभी यात्रियों को सुरक्षित और समय से निकाल लेगा.

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