गोरखपुर। कैंट इलाके के रहने वाले सरकारी दंत चिकित्सक डॉ. आशीष रंजन का शव राप्ती नदी में मिलने से सनसनी मच गई। वह दो दिनों से लापता थे और पुलिस उनकी तलाश कर रही थी। राजघाट पुल के पास लावारिस हाल में बाइक मिलने और मोबाइल की लोकेशन के आधार पर जांच में जुटी पुलिस ने गोताखोरों की मदद से राप्ती नदी से उनका शव बाहर निकाला। उनकी जेब से मोबाइल और रुपये भी मिले। शरीर पर कहीं भी चोट के निशान नहीं थे। प्रथम दृष्टया जांच में खुदकुशी का मामला सामने आया है। बताया जाता है कि डॉ. आशीष डिप्रेशन के मरीज थे।
सहजनवां के मूल निवासी डॉ. आशीष (35) बुद्ध विहार पार्ट सी में परिवार के साथ रहते थे। वर्तमान समय में वह महराजगंज के सिसवां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात थे। मंगलवार की सुबह 11 बजे वह घर से छात्रसंघ चौराहा स्थित डॉ. अंकुर सिन्हा के क्लीनिक पर दिखाने की बात कहकर बाइक से निकले थे। इसके बाद वह नहीं लौटे। बुधवार को पत्नी डॉ. बरसा श्रीवास्तव ने कैंट थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जांच में जुटी कैंट पुलिस मोबाइल की लोकेशन के आधार पर राजघाट पुल पहुंची। वहां उसे एक बाइक लावारिस हाल में मिली। बाइक की पहचान होने के बाद शक के आधार पर नदी में तलाश कराई गई।
सुबह छह बजे से ही कैंट इंस्पेक्टर ओम हरि वाजपेयी स्टीमर और गोताखोर की मदद से नदी में तलाश करा रहे थे। शाम करीब पांच बजे डॉक्टर का शव निकाला जा सका। घरवालों ने शव की शिनाख्त की। डॉ. आशीष की जेब से मोबाइल व नकदी मिलने और शरीर पर चोट के निशान न होने से यह साफ हो गया है कि उनके साथ लूटपाट नहीं हुई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
सीओ कैंट चारु निगम ने बताया कि डॉक्टर का शव नदी से निकाला गया। उनकी जेब से मोबाइल भी मिला है। वह डिप्रेशन के मरीज थे। प्रथम दृष्टया जांच में खुदकुशी का मामला लग रहा है। घर वालों ने भी कोई आरोप नहीं लगाया है। फिर भी पुलिस जांच कर रही है।
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